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आयकर विभाग ने आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करने के लिए जारी किया फॉर्म

आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए मैन्युअल रूप से अपने आधार कार्ड को स्थायी खाता संख्या (पैन) से जोड़ने के लिए वन-पेज फॉर्म जारी किया है।

Updated on: 01 Jul 2017, 05:49 PM

नई दिल्ली:

आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए मैन्युअल रूप से अपने आधार कार्ड को स्थायी खाता संख्या (पैन) से जोड़ने के लिए वन-पेज फॉर्म जारी किया है।

इस फॉर्म में एक व्यक्ति को आधार कार्ड और पैन संख्या दोनों में जो नाम लिखे हुए है वह नाम फॉर्म में लिखने पड़ेंगे। उसके बाद एक हस्ताक्षरित घोषणापत्र देना होगा। घोषणा पत्र में बताना होगा कि उन्हें फार्म पर 'उल्लिखित किसी से भी कोई अन्य पैन आवंटित नहीं किया गया है।'

करदाता घोषणा के रूप में बताएंगे, 'मैं समझता हूं कि आधार कार्ड पर आधारित प्रमाणीकरण के उद्देश्य के लिए मेरे व्यक्तिगत पहचान आंकड़ों के लिए पूरी सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी।'

आयकर विभाग के अधिकारी ने कहा, '1 जुलाई से आवश्यक रूप से, पैन डाटाबेस के साथ आधार को जोड़ने के लिए, यह फार्म पेपर के माध्यम से सिर्फ एक प्रक्रिया है। एसएमएस और ऑनलाइन मोड भी उपलब्ध हैं।'

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एनएसडीएल और यूटीआईआईएसएसएल जैसे पैन सेवा प्रदाताओं की वेबसाइट पर लॉग इन करके, करदाता अपने आधार-पैन को मोबाइल-आधारित एसएमएस सर्विस (567678 या 56161 पर मैसेज भेजकर) का उपयोग कर जोड़ सकते हैं।

इसी तरह, आयकर विभाग ने नए पैन आवेदन में आधार कार्ड के उद्धरण के लिए प्रक्रिया को सुधार के लिए विस्तार से निर्दिष्ट किया है।

विभाग ने पैन और ई-फाइलिंग सेवा प्रदाताओं को भी निर्दिष्ट किया है कि वे 'यह सुनिश्चित करें कि आधार धारक, जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक की जानकारी की पहचान का उपयोग केवल आधार के लिए यूआईडीएआई की केंद्रीय पहचान के लिए किया जाता है।'

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विभाग की अधिसूचना में कहा गया कि किसी भी विचलन को अपने संबंधित समझौतों या अनुबंधों की सुरक्षा और गोपनीयता खंड के अनुपालन के रूप में माना जाएगा और उनके संबंधित समझौतों के अनुसार जुर्माना लागू हो सकता है।

आयकर विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आधार संख्या या उसके नामांकन आईडी के बिना करदाता आज से अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) को ई-फाइल करने में समर्थ नहीं होंगे, जैसा कि उसने कहा है कि "कोई भी मामले" में कोई भी पैन अवैध नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने आयकर अधिनियम प्रावधान (धारा 139एए) की वैधता को बरकरार रखा था जिससे पैन कार्ड आवंटन के लिए अनिवार्य कर दिया गया था।

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), आयकर विभाग के लिए नीति बनाने वाली संस्था ने 10 जून को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में उन लोगों को 'आंशिक राहत' दी गई है जिनके पास आधार या आधार नामांकन नहीं है उनके पैन रद्द नहीं होंगे।

1 जुलाई से प्रभावी रूप से पैन के लिए आवेदन करने के लिए आधार भी अनिवार्य कर दिया गया है। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, विभाग ने अपने पैन डाटाबेस के साथ 2.62 करोड़ आधार नंबर से जुड़ा है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा भारत के निवासी को आधार जारी किया जाता है, जबकि पैन आयकर विभाग द्वारा एक व्यक्ति, फर्म या इकाई को आवंटित दस अंकों वाली अल्फ़ान्यूमेरिक संख्या है।

इसमें 25 करोड़ से अधिक पैन नंबर आवंटित किए गए हैं, जबकि करीब 115 करोड़ लोगों को आधार आवंटित किया गया है।

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