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अगले महीने रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने पर होगी चर्चा: अरुण जेटली

जेटली ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान देते हुए कहा कि इस मामले पर गुवाहाटी में 9 नवंबर को होने वाली जीएसटी की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।

Updated on: 13 Oct 2017, 04:41 AM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार रियल एस्टेट को भी जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी कर रही हैं। अरुण जेटली के मुताबिक 9 नवंबर को गुवाहटी में होने वाली मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा कर चोरी होती है इसलिए इसे जीएसटी के दायरे में लाने का मजबूत आधार है। जेटली ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान देते हुए कहा कि इस मामले पर गुवाहाटी में 9 नवंबर को होने वाली जीएसटी की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।

जेटली ने भारत में कर सुधारों पर 'वार्षिक महिंद्रा व्याख्यान' में कहा, 'भारत में रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा कर चोरी और नकदी पैदा होती है और वह अब भी जीएसटी के दायरे से बाहर है। कुछ राज्य इस पर जोर दे रहे हैं। मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि जीएसटी को रियल एस्टेट के दायरे में लाने का मजबूत आधार है।'

जेटली ने कहा है कि भारत सरकार बैंकिंग क्षेत्र की क्षमता के पुनर्निर्माण की योजना पर काम कर रही है ताकि यह विकास में योगदान दे सके। जेटली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठकों में शामिल होने के लिए हफ्तेभर के अमेरिकी दौरे पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग प्रणाली में सुधार सरकार का शीर्ष एजेंडा है।

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बोस्टन में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों से जेटली ने कहा, आज वैश्विक विकास की दिशा बदल गई है, ऐसे में हम बैंकिंग से संबंधित हालात से निबटने के लिए वास्तविक योजना को अमल में लाने पर काम कर रहे हैं। हमें (बैंकिंग क्षेत्र) क्षमता का पुनर्निर्माण करना होगा।

वर्तमान में ये है नियम

जेटली ने कहा कि टैक्स दायरे के तहत लोगों को लाने के लिए दी जाने वाली छूट और कम खर्च होने से कालेधन से चलने वाली अर्थव्यवस्था का आकार घटाने में भी मदद मिलेगा।

किसी परिसर, इमारत और सामुदायिक ढांचे के निर्माण पर या किसी एक खरीदार को इसे पूरा या हिस्से में बेचने पर 12% जीएसटी लगाया गया है। हालांकि भूमि एवं अन्य अचल संपत्तियों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।

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