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GST काउंसिल की बैठक आज, छोटे कारोबारियों को मिलेगा बड़ा दीवाली गिफ्ट!

जीएसटी (गुड्स एंस सर्विसेज टैक्स) लागू होने के बाद बिजनेस में हो रही परेशानी और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए सरकार छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दे सकती है।

Updated on: 06 Oct 2017, 06:10 AM

highlights

  • जीएसटी परिषद की बैठक में सरकार छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दे सकती है
  • पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने पर चर्चा की शुरुआत हो सकती है

नई दिल्ली:

जीएसटी (गुड्स एंस सर्विसेज टैक्स) लागू होने के बाद बिजनेस में हो रही परेशानी और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए सरकार छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दे सकती है।

इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने पर चर्चा की शुरुआत हो सकती है।

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बाद केंद्र ने एक्साइज कर में जहां 2 रुपये की कटौती की है वहीं राज्यों से वैट में करीब 5 फीसदी तक कटौती किए जाने की अपील की है।
राज्यों से वैट में कटौती की अपील करते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही थी।

छोटे कारोबारियों को मिलेगी छूट!

शुक्रवार को होने वाली जीएसटी की परिषद में छोटे व्यापारियों को 3 महीने में 1 बार रिटर्न की सुविधा, कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने और रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म स्थगित करने समेत तीन बड़े फैसलों पर मुहर लगाई जा सकती है।

अरुण जेटली ने दिए संकेत, जीएसटी स्लैब में कटौती कर सकती है सरकार

शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के चेयरमैन और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि परिषद की अगली बैठक में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दिए जाने का फैसला लिया जा सकता है।

हर महीने रिटर्न के झंझट से मिल सकती है छुट्टी

मोदी ने कहा कि वह बैठक में 1.5 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले व्यापारी को हर महीने रिटर्न भरने की बजाए 3 महीने में रिटर्न भरने की सुविधा दिए जाने का प्रस्ताव रखेंगे।
हर महीने रिटर्न भरने की वजह से छोटे कारोबारियों को कारोबार में व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

देश भर के छोटे कारोबारी इसे लेकर असंतोष जता चुके हैं।

कंपोजिशन स्कीम बढ़ाने पर होगा विचार

इसके साथ ही कंपोजिशन स्कीम में बदलाव का ऐलान किया जा सकता है।

अभी 75 लाख रुपये टर्नओवर वाले व्यापारियों को कंपोजिशन स्कीम में 1 फीसदी टैक्स देना होता होता है, जिसकी सीमा बढ़ाकर भी 1 करोड़ रुपये तक किया जा सकता है।

पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में लाने पर किया जा रहा है विचार: धर्मेंद्र प्रधान

कंपोजिशन स्कीम का फायदा अभी 20 से 75 लाख तक के टर्नओवर वालों को मिलता है, अगर ये सीमा बढ़ाकर 1 करोड़ हो गई तो और ज्यादा व्यापारियों को लाभ मिलेगा।

मोदी ने कहा कि वह जीएसटी काउंसिल से रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म और रिवर्स चार्ज को कुछ दिनों के लिए स्थगित रखने की मांग करेंगे।

निर्यातकों को मिल सकती है छूट

बैठक में सरकार निर्यातकों को भी छूट देने का ऐलान कर सकती है। निर्यातकों से जुड़ी समस्या पर राजस्व सचिव हंसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को दे सकती है।

गौरतलब है कि निर्यातकों को रिफंड मिलने में देरी की वजह से कार्यशील पूंजी के संकट का सामना करना पड़ रहा है।

रिफंड के रूप में फंसी निर्यातकों की कार्यशील पूंजी को जल्द जारी किए जाने की दिशा में सरकार कुछ अहम फैसले ले सकती है।

गौरतलब है कि जीएसटी लागू किए जाने के बाद आए जीडीपी आंकड़ों ने मोदी सरकार आर्थिक प्रबंधन को लेकर अपने ही घर में घिर गई है।

खराब आर्थिक हालत को लेकर लिखे गए यशवंत सिन्हा के लेख के बाद से बीजेपी सरकार बचाव में है। सिन्हा के बाद वाजयेपी सरकार में विनिवेश मंत्री रहे अरुण शौरी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा था।

दोनों नेताओं के आरोप के बाद खुद प्रधानमंत्री मोदी ने मोर्चा संभाला और इशारों-इशारों में इन्हें नकारात्मकता फैलाने वाला शल्य करार दिया। हालांकि जीडीपी की खराब हालत सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन वह इसे अस्थायी ट्रेंड मानकर चल रहे हैं, जिसे जल्द ही ठीक कर लिया जएगा।

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