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जीएसटी 2017: जुलाई से शुरु होगा, तैयारी न कर पाने का कंपनियों का बहाना नहीं चलेगा: जेटली

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन में शुरुआत में कुछ व्यवधान और तकनीकी अड़चने आ सकती हैं क्योंकि व्यापारियों तथा छोटी से छोटी इकाइयों को जीएसटी रिटर्न ऑनलाइन फाइल करना होगा।

Updated on: 20 Jun 2017, 11:58 PM

highlights

  • कंपनियों का यह बहाना नहीं चलेगा कि वे इसके लिए तैयारी नहीं कर पायी है
  • उन्हें इसके के लिये पर्याप्त समय दिया गया है
  • जीएसटी कर चोरी रोकेगा और लंबे समय में करदाताओं की संख्या बढ़ेगी

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मंगलवार को कहा कि सरकार आगामी एक जुलाई से जीएसटी लागू करने के तय कार्यक्रम से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि कंपनियों का यह बहाना नहीं चलेगा कि वे इसके लिए तैयारी नहीं कर पायी है क्योंकि उन्हें इसके के लिये पर्याप्त समय दिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन में शुरुआत में कुछ व्यवधान और तकनीकी अड़चने आ सकती हैं क्योंकि व्यापारियों तथा छोटी से छोटी इकाइयों को जीएसटी रिटर्न ऑनलाइन फाइल करना होगा।

जीएसटी के आने से दर्ज़नों केंद्रीय और राज्यस्तरीय शुल्कों को ख़त्म कर पूरे देश में एक कर तया किया जाएगा।

शुरुआत में जीएसटी एक अप्रैल से लागू किया जाना था लेकिन इसे तीन महीने के लिये टाल दिया गया। इसकी शुरूआत 30 जून की मध्यरात्रि से संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित भव्य कार्यक्रम में होगी।

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जेटली ने कहा कि जीएसटी से मध्यम से दीर्घावधि में केंद्र तथा राज्यों को अधिक राजस्व प्राप्त होगा और अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा तथा जीडीपी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

जेटली ने कहा कि नई व्यवस्था में केंद्रीय उत्पाद कर, सेवा कर और राज्यों में वैट में पहले से पंजीकृत इकाइयों का जीएसटी प्रणाली में पंजीकरण का काम अच्छे तरीके से जारी है।

वित्त मंत्री ने कहा, 'यह बहुत जटिल प्रक्रिया नहीं है। जीएसटी कर चोरी रोकेगा और लंबे समय में करदाताओं की संख्या बढ़ेगी।

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उन्होंने कहा, 'कुल 65 लाख करदाता पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं और अन्य के इससे जुड़ने की उम्मीद है। 65 लाख ने जो पंजीकरण कराया है, उन्हें कोई समस्या नहीं हुई, जिन पांच को समस्या का सामना करना पड़ा, वे ट्विटर पर हैं।'

जीएसटी के क्रियान्वयन को टाले जाने को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि जब सुधारों को क्रियान्वित किया जाता है, पहला सिद्धांत यह है आपको पीछे नहीं हटना चाहिए, यदि आप पीछे होंगे तो पटरी से उतर जाएंगे।

उन्होंने कहा, 'हम पिछले 6 महीने से कह रहे हैं कि तिथि एक जुलाई है। अब किसी के भी कहने का कोई मतलब नहीं है कि कंपनियां तैयार नहीं है।'

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जेटली ने कहा कि सरकार पहले ही शुरूआती रिटर्न फाइल करने के लिये तारीख में छूट दे चुकी है और व्यापारियों तथा कंपनियों के पास 5 सितंबर तक का समय है जबकि पहले यह समयसीमा 10 अगस्त थी।

उन्होंने कहा, 'अभी भी तैयार होने के लिये ढाई महीने हैं लेकिन अगर कंपनियां इसके बाद भी तैयार नहीं होती, मुझे अफसोस के साथ कहना होगा कि वह तैयार नहीं होना चाहती।'

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