SBI के बाद अन्य सरकारी बैंकों के विलय को लेकर गंभीर सरकार, मौजूदा वित्त वर्ष में मिल सकती है मंजूरी
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 6 बैंकों के विलय के बाद केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में अन्य बैंकों को मिलाए जाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सरकार का मकसद देश में वैश्विक स्तर के 4 से 5 बैंकों का निर्माण है।
highlights
- SBI के बाद अन्य सरकारी बैंकों के विलय को लेकर गंभीर सरकार, मौजूदा वित्त वर्ष में हो सकता है फैसला
- एक अप्रैल 2017 से पांच सहयोगी और भारतीय महिला बैंक का एसबीआई में विलय हो चुका है
New Delhi:
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 6 बैंकों के विलय के बाद केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में अन्य बैंकों को मिलाए जाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सरकार का मकसद देश में वैश्विक स्तर के 4 से 5 बैंकों का निर्माण है।
एक अप्रैल 2017 से पांच सहयोगी और भारतीय महिला बैंक का एसबीआई में विलय हो चुका है। इस विलय के बाद एसबीआई दुनिया के 50 बड़े बैंकों की सूची में अपनी जगह बनाने में सफल रहा है।
स्टेट बैंक में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटिलाया. स्टेट बैंक ऑफ ट्रावणकोर के साथ भारतीय महिला बैंक का विलय किया जा चुका है।
और पढ़ें: एसबीआई ने सस्ता किया होम लोन, चुनिंदा ग्राहकों को मिलेगा फायदा
इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय की योजना अन्य सरकारी बैंकों का विलय करने की है। वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, 'बैंकों का एकीकरण जरूरी है लेकिन इस बारे में फैसला सभी व्यावहारिकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। अगर एनपीए की स्थिति में सुधार आता है तो इस वित्त वर्ष के आखिर तक एक और ऐसा विलय देखने को मिल सकता है।'
2016-17 में अप्रैल से दिसंबर के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए एख लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली देश में 5-6 बड़े बैंकों की मौजूदगी की बात कर चुके हैं।
भविष्य में होने वाले ऐसे विलय से पहले अब सरकार को सीसीआई से भी मंजूरी लेनी होगी।