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सरकारी बैंकों को वित्तीय संकट से निकालने के लिए 42,000 करोड़ रु का मदद देगी केंद्र सरकार

सरकार चालू वित्त वर्ष के अंत तक (मार्च तक) कर्जो के डूबने से खस्ताहाल हुए सरकारी बैंकों में 42,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी

Updated on: 27 Nov 2018, 12:05 AM

नई दिल्ली:

सरकार चालू वित्त वर्ष के अंत तक (मार्च तक) कर्जो के डूबने से खस्ताहाल हुए सरकारी बैंकों में 42,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी, ताकि उनकी वित्तीय सेहत में सुधार हो. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा, 'हम दिसंबर के मध्य से सरकारी बैंकों में पुर्नपूंजीकरण का अगला भाग डालेंगे. चालू वित्त वर्ष के अंत तक कुल 42,000 करोड़ रुपये की पूंजी सरकारी बैंकों में डाली जाएगी.'

सरकार ने देश के विकास दर को बढ़ावा देने के लिए साल 2017 के अक्टूबर में सरकारी बैंकों में अगले दो सालों में 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी. ये 42,000 करोड़ रुपये की रकम उसी योजना का हिस्सा है.

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सरकार 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी में से 1.35 लाख करोड़ रुपये बांड के माध्यम से सरकारी बैंकों में डालेगी. इसके अलावा बजटीय प्रावधान के जरिए 1,139 करोड़ रुपये और सरकारी इक्विटी की बिक्री कर 58,000 करोड़ रुपये डाले जाएंगे.

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पुर्नपूंजीकरण के तहत, 1.35 लाख करोड़ रुपये में से सरकार अब तक बैंकों में 82,000 करोड़ रुपये की रकम डाल चुकी है. जुलाई में सरकार ने पांच बैंकों - पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक में 11,336 करोड़ रुपये की रकम डाली थी.

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