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प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.44 लाख करोड़, 20 फीसदी की वृद्धि

मंत्रालय ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि में कॉरपोरेट कर संग्रहण की वृद्धि दर 19.7 फीसदी रही है, जबकि निजी आयकर की वृद्धि दर 18.6 फीसदी रही है।

Updated on: 08 Mar 2018, 08:21 PM

नई दिल्ली:

अर्थव्यवस्था में हाल में दिखे बढ़त के मद्देनजर देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में 7.44 लाख करोड़ रुपये रहा है, जोकि वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि की तुलना में 19.5 फीसदी अधिक है। वित्त मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

मंत्रालय ने बताया कि फरवरी तक वित्त वर्ष 2017-18 के लिए संशोधित अनुमान का 74.3 फीसदी कर संग्रह हुआ है, जोकि 10.05 लाख करोड़ रुपये है।

बयान में कहा गया, '2017 के अप्रैल से 2018 के फरवरी तक सकल संग्रहण (रिफंड लौटाने से पहले) में 14.5 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह 8.83 लाख करोड़ रुपये रही। जबकि रिफंड की रकम 1.39 लाख करोड़ रुपये है।'

मंत्रालय ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि में कॉरपोरेट कर संग्रहण की वृद्धि दर 19.7 फीसदी रही है, जबकि निजी आयकर की वृद्धि दर 18.6 फीसदी रही है।

इस संबंध में, अगले वित्त वर्ष का बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के प्रभाव के साथ राजकोषीय घाटे में वृद्धि की घोषणा की थी। सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.5 फीसदी निर्धारित किया था, जो कि 5.95 लाख करोड़ रुपये के बराबर है।

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