logo-image

सभी वस्तुओं को GST के दायरे में लाने का सही समय, CII का बड़ा बयान

उद्योग मंडल सीआईआई (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि संबंधित संस्थागत प्रणाली आने के साथ जीएसटी परिषद के लिये सभी क्षेत्रों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने और कर स्लैब को बेहतर बनाने का उपयुक्त समय है.

Updated on: 22 Jun 2019, 07:56 AM

highlights

  • सीआईआई (CII) का बयान, सभी क्षेत्रों के वस्तुओं को GST के दायरे में लाने का सही समय है
  • जीएसटी परिषद ने National AntiProfiteering Authority-NAA) का कार्यकाल नवंबर, 2021 तक बढ़ाया
  • सीआईआई (CII) ने सालाना रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ाया जाने को सही कदम करार दिया है

नई दिल्ली:

उद्योग जगत ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी परिषद (GST Council) के लिए अप्रत्यक्ष कर का दायरा बढ़ाने और सभी क्षेत्रों को इसके अंतर्गत लाने और कर स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का सही समय है. पेट्रोलियम उत्पाद, बिजली और मानवीय खपत के लिये अल्कोहल जैसी कुछ चीजें माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर हैं.

यह भी पढ़ें: किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र-राज्यों का एक साथ काम करना जरूरी, निर्मला सीतारमण का बयान

राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण
उद्योग मंडल सीआईआई (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि संबंधित संस्थागत प्रणाली आने के साथ जीएसटी परिषद के लिये सभी क्षेत्रों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने और कर स्लैब को बेहतर बनाने का उपयुक्त समय है. जीएसटी परिषद ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (National AntiProfiteering Authority-NAA) का कार्यकाल दो साल के लिए नवंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है.

यह भी पढ़ें: 35th GST council meet: 1 जनवरी 2020 से सभी व्यवसायों के लिए एकल वापसी तय

इसके साथ ही परिषद ने जीएसटी पंजीकरण हासिल करने के लिए आधार के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल और दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वाली कंपनियों पर 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाने की भी मंजूरी दी गई है.

इसके अलावा परिषद ने बिजली चालित वाहनों और उनके चार्जरों पर जीएसटी दर में कटौती का मामला अधिकारियों की एक समिति को भेजा गया है. फिक्की ने कहा कि सरकार ने जीएसटी नियमों के सरलीकरण और दरों को युक्तिसंगत बनाने समेत माल एवं सेवा कर के दायरे में और वस्तुओं को लाने के संदर्भ में जो विचार रखे हैं, वह वास्तव में सही दिशा में कदम है. इससे जीएसटी के अंतर्गत सरलीकरण और स्थिरता का रास्ता साफ होगा.

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Price 22 June: ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के नए रेट, जानें आज के ताजा भाव

बनर्जी ने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद ई-इनवॉयस पेश करने के निर्णय से कर भुगतान में दक्षता आएगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि सालाना रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ाया जाना सही कदम है.