एग्जिट पोल पर टिकी शेयर बाजार की नजर, चुनाव के नतीजों से तय होगी चाल
भारतीय शेयर बाजार की नजरें अब पूरी तरह से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर टिक गई है। 8 मार्च को उत्तर प्रदेश के सातवें चरण के साथ ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का समापन होगा।
highlights
- भारतीय शेयर बाजार की नजरें अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर टिक गई है
- चुनावी नतीजे राज्यसभा के समीकरण को प्रभावित करेंगे, जहां बीजेपी फिलहाल अल्पमत में है
- राज्यसभा में बीजेपी की मजबूत स्थिति बाजार और निवेशकों के रूझान को मजबूती देगी
New Delhi:
भारतीय शेयर बाजार की नजरें अब पूरी तरह से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर टिक गई है। 8 मार्च को उत्तर प्रदेश के सातवें चरण के साथ ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का समापन होगा।
घरेलू कारणों में भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनाव के नतीजों की अहम भूमिका होने जा रही है। इस लिहाज से 9 मार्च को आने वाला एग्जिट पोल बाजार की चाल के लिहाज से बेहद अहम होगा।
चूंकि चुनावों के नतीजे 11 मार्च (शनिवार) को आएंगे और इसके बाद रविवार को बाजार बंद होगा। सोमवार यानी 13 मार्च को होली की वजह से बाजार बंद रहेगा। इसलिए चुनाव के नतीजों पर बाजार की असली प्रतिक्रिया होली के बाद ही दिखाई देगी।
और पढ़ें: सात महीनों में देश में बेरोजगारी में करीब 50 फीसदी की गिरावट: रिपोर्ट
हालांकि इससे पहले सोमवार को बाजार के लिए तात्कालिक ट्रिगर फेडरल रिजर्व की प्रमुख जैनट येलन का वह बयान होगा, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी रहती है तो मार्च के अंत तक फेडरल रिजर्व एक बार फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।
इसके अलवा घरेलू कारणों में आईआईपी के आंकड़ों से भी बाजार की दिशा तय होगी। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जनवरी महीने के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ें आए थे, जिसमें सालाना आधार पर 0.4 फीसदी की गिरावट आई थी।
हालांकि बाजार की दिशा आने वाले दिनों में आर्थिक कारणों की बजाए राजनीतिक कारणों से तय होगी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आएंगे, जिनमें उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर शामिल हैं।
पांचों राज्यों के चुनावी नतीजे राज्यसभा के समीकरण को प्रभावित करेंगे, जहां बीजेपी फिलहाल अल्पमत में है।
और पढ़ें: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर एक अप्रैल से देना होगा जुर्माना
राज्यसभा की 250 सीटों में बीजेपी के पास महज 73 सीटें हैं और अगर पांचों राज्यों के चुनावी नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते हैं तो राज्यसभा में सरकार की स्थिति औऱ मजबूत होगी, जिससे कई अहम बिल को पारित कराने में सरकार को किसी तरह की मुश्किलें नहीं आएंगी। लोकसभा में एनडीए की कुल 339 सीटें हैं, इस वजह से बीजेपी को लोकसभा में किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना होता है।
दोनों सदनों में बीजेपी की स्थिति मजबूत होने से सरकार की प्रशासनिक दिक्कतें कम होंगी और बाजार एवं निवेशकों के लिए यह मजबूत ट्रिगर होगा। वहीं उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं होने की स्थिति बाजार की चाल को बिगाड़ सकती है।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य