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अपनी ही सरकार के आंकड़ों को जेटली ने किया खारिज, कहा नोटबंदी और GST के बाद मुद्दाविहीन विपक्ष जॉबलेस ग्रोथ पर कर रहा प्रोपेगेंडा

जेटली ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह जबरदस्ती जॉबलेस ग्रोथ को मुद्दा बना रहा है।

Updated on: 20 Jun 2017, 11:17 PM

highlights

  • जॉबलेस ग्रोथ के सवाल को टालते हुए जेटली ने इसे विपक्ष का प्रोपेगेंडा बताया
  • जेटली ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह जबरदस्ती जॉबलेस ग्रोथ को मुद्दा बना रहा है
  • हालांकि सरकार के आंकड़े यह बताते हैं कि मई 2014 में केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद बेरोजगारी बढ़ी है

New Delhi:

मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान को खारिज कर दिया।

वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में जीडीपी दर के घटकर 6.1 फीसदी होने को स्वाभाविक बताते हुए जेटली ने कहा मौजूदा घरेलू और वैश्विक हालात में 7-8 फीसदी की दर को खराब नहीं कहा जा सकता।

हालांकि जॉबलेस ग्रोथ के सवाल को टालते हुए जेटली ने इसे विपक्ष का प्रोपेगेंडा बताया। जेटली ने कहा, 'नोटबंदी और जीएसटी के बाद अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह जबरदस्ती जॉबलेस ग्रोथ को मुद्दा बना रहा है।'

हालांकि सरकार के आंकड़े ही यह बताते हैं कि मई 2014 में केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद बेरोजगारी बढ़ी है।

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2013-14 में देश में बेरोजगारी दर 4.9 फीसदी थी, जो अगले एक साल में 2015-16 में बढ़कर 5.0 फीसदी हो गई।

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव-2014 के अपने घोषणा-पत्र में कहा था, 'कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार बीते 10 वर्षो के दौरान कोई रोजगार पैदा नहीं कर सकी, जिससे देश का विकास बुरी तरह बाधित हुआ है। बीजेपी यदि सत्ता में आई तो व्यापक स्तर पर आर्थिक सुधार करेगी और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने और नवउद्यमियों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी।'

प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने से पहले नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान 2013 में आगरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी एक करोड़ रोजगार पैदा करेगी।

हालांकि श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर तैयार आर्थिक सर्वेक्षण (2016-17) में कहा गया है कि रोजगार वृद्धि दर घटी है। श्रम मंत्रालय द्वारा पांचवें वार्षिक रोजगार-बेरोजगार सर्वेक्षण (2015-16) की रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य प्रिंसिपल स्टेटस के आधार पर बेरोजगारी दर पांच फीसदी रही।

सामान्य प्रिंसिपल स्टेटस के अनुसार, सर्वेक्षण से पूर्व के 365 दिनों में 183 या उससे अधिक दिन काम करने वाले लोगों को बेरोजगार नहीं माना जाता।

इसके साथ ही जेटली ने जीडीपी दर में आई गिरावट के लिए नोटबंदी को बतौर कारण मानने से इनकार कर दिया। जेटली ने कहा कि नोटबंदी की वजह से देश की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट नहीं आई, बल्कि इसकी वजह विरासत में मिली खराब व्यवस्था और चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात रहे।

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