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गांव हो या पहाड़ अब हर जगह मिलेगा पोर्टेबल पेट्रोल पंप, 2 घंटे में लगाकर आप भी कर सकेंगे कमाई

इसे आप न सिर्फ दो घंटे में लगा सकते हैं, बल्कि इसे हटाने के लिए भी आपको 2 घंटे से ज्यादा नहीं लगेंगे।

Updated on: 19 May 2019, 02:40 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार देश के दूरदराज इलाकों में पोर्टेबल पेट्रोल पंप लगाने की तैयारी कर रही है, इन्हें जरूरत के हिसाब से अलग-अलग इलाकों में स्थापित किया जा सकेगा। चेक गणराज्य की तकनीक से लैस ये पेट्रोल पंप किफायती होने के साथ कम समय में स्थापित हो सकेंगे। भारतीय कंपनी के प्रमुख इंद्रजीत पृथ्वी ने बुधवार को कहा कि इन पेट्रोल पंप को मात्र दो घंटे में स्थापित किया जा सकता है।

इसके लिए आपको बड़े पेट्रोल पंप की तरह ज्यादा जगह भी नहीं चाहिए होती है। इसे आप न सिर्फ दो घंटे में लगा सकते हैं, बल्कि इसे हटाने के लिए भी आपको 2 घंटे से ज्यादा नहीं लगेंगे। पोर्टेबल पेट्रोल पंप की तकनीक को विकसित करने वाली कंपनी एलिंज ग्रुप बुधवार को इसकी औपचारिक घोषणा करने जा रही हैं।

पोर्टेबल पेट्रोल पंप की तकनीक को पेट्रोलियम मंत्रालय ने अपनी मंजूरी दे दी है। 

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पोर्टेबल पेट्रोल पंप के तीन मॉडल होंगे। पहले मॉडल वाले के लिए 90 लाख रुपये खर्च करने होंगे। दूसरे मॉडल के लिए 1 करोड़ रुपये तो तीसरे के लिए 1.2 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन कंपनी ने इसे भी आसान कर दिया है, कंपनी के अनुसार पोर्टेबल पेट्रोल पंप लगाने के लिए होने वाले खर्च में 80 फीसदी बैंक फाइनेंस करने को तैयार हैं।

दूसरी तरफ, इसका सेट अप लगाने के बाद आपको ज्यादा कर्मचारी भी नहीं रखने पड़ेंगे। क्योंकि यहां हर कोई कैशलेस भुगतान कर पेट्रोल भर पाएगा।

एलिंज पोर्टेबल पेट्रोल पंप के मैनेजिंग डायरेक्टर इंद्रजीत प्रुथी ने बुधवार को कहा कि देश में पोर्टेबल पेट्रोल पंप को मैन्युफैक्चर करने के लिए 1600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

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पोर्टेबल पेट्रोल पंप को लगाने के लिए 400 स्क्वॉयर मीटर की जमीन ही काफी है। पोर्टेबल पंप से पेट्रोल के साथ डीजल, गैस, मिट्टी के तेल सब कुछ मिलेंगे। इस पेट्रोल पंप की क्षमता 9000 से 35,000 लीटर होगी। इस पेट्रोल पंप को गांव व पहाड़ी इलाके कहीं भी लगाए जा सकते हैं।

इंद्रजीत ने बताया कि एक बार टेंडर मिलने के बाद कंपनी मशीन इंस्टॉल करेगी. ये मशीनें अलग-अलग आकार की होंगी। सबसे छोटी मशीन 9 हजार लीटर पेट्रोल पंप स्टोर करने की क्षमता रखती है। वहीं, सबसे बड़ी वाली मशीन 30 हजार लीटर ईंधन की क्षमता वाली है।

कंपनी इस काम के लिए डीलरशीप देगी। डीलर को राज्य सरकार की तरफ से लाइसेंस दिए जाएंगे।