logo-image

अब मोदी सरकार पर अरुण शौरी का हमला, कहा- 'ढाई लोग' चलाते है सरकार

आर्थिक नीतियों पर मोदी सरकार पर बाहरी ही नहीं पार्टी के अंदर से भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। जिससे संभव है आने वाले दिन मोदी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहें।

Updated on: 04 Oct 2017, 02:15 PM

highlights

  • यशवंत सिन्हा के बाद अरुण शौरी ने उठाए केंद्र सरकार पर सवाल 
  • नोटबंदी, जीएसटी जैसी आर्थिक नीतियों पर घिरी मोदी सरकार
  • अरुण शौरी ने नोटबंदी को बताया मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम

नई दिल्ली:

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा है। 

अरुण शौरी ने एनडीटीवी से ख़ास बातचीत में कहा है कि केंद्र में 'ढाई लोग' की सरकार है और यह सरकार विशेषज्ञों की बात नहीं सुनती है।

इसके अलावा उन्होंने आर्थिक नीतियों पर भी मोदी सरकार की जमकर खिंचाई की है और नोटबंदी को 'मनी लॉन्ड्रिंग' स्कीम बताया है। 

हाल ही में एनडीए सरकार में सबसे अधिक बार वित्त मंत्री का कार्यभार निभा चुके पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में लेख लिख कर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा था।

नोटबंदी को बताया सुनिश्चित मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम

एनडीटीवी के साथ एक ख़ास मुलाकात में अरुण शौरी ने नोटबंदी पर सवाल उठाया और सीधे तौर पर इसे एक बड़ी 'मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम' बताया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इसके तहत बड़े स्तर पर काले धन को सफेद कर दिया गया। 

GST के बाद उबर रहा मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र, सितंबर में दर्ज़ किया गया सुधार

अरुण शौरी ने कहा कि इस बात का प्रमाण तो खुद आरबीआई ने ही दे दिया जब रिज़र्व बैंक ने रिपोर्ट पेश कर कहा कि नोटबंदी के दौरान 99 फीसदी पुराने नोट बैंकों में जमा किए गए।

जल्दबाजी में लिया गया जीएसटी का फैसला 

अरुण शौरी ने जीएसटी के फैसले को जल्दी और नासमझी के तह्त लिया हुआ बताया। उन्होंने कहा कि देश इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है और यह संकट नासमझी में लिए गए जीएसटी के फैसले से पैदा हुआ है। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़े करते हुए पूछा कि जीएसटी को लागू करने में सरकार ने इतनी जल्दबाज़ी दिखाई कि इंफोसिस कंपनी को सॉफ्टवेयर ट्रायल करने तक का वक्त नहीं दिया। 

कमजोर ग्रोथ रेट के बावजूद बढ़ती महंगाई ने घटाई ब्याज दरों में कटौती की आस

इसके चलते छोटे उद्योगों और उत्पादों की बिक्री पर असर पड़ रहा है साथ ही उनकी आमदनी में गिरावट आई है।

यशवंत सिन्हा की बात से जताई सहमति 

इसके अलावा अरुण शौरी ने यशवंत सिन्हा के लेख पर भी अपना समर्थन दिया।

अरुण शौरी पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के अलावा एक प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक भी हैं।

वह विश्व बैंक में अर्थशास्त्री और योजना आयोग में सलाहकार भी रह चुके हैं। एनडीए सरकार में अरुण शौरी विनिवेश, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों समेत कई अन्य विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं।

यह भी पढ़ें: B'day: 'बाहुबली' के 'कटप्पा' बन चुके हैं रजनीकांत और दीपिका पादुकोण के पिता, सत्यराज की ये बातें जानते हैं आप? 

कारोबार से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें