सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग और अवैध निर्माण को लेकर केंद्र को लगाई फटकार, कहा- दिल्ली की जनता की कद्र नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीलिंग के विरोध में व्यापारियों के आंदोलन से दिल्ली को बंधक बना लेने की स्थिति पर और अवैध निर्माण को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीलिंग के विरोध में व्यापारियों के आंदोलन से दिल्ली को बंधक बना लेने की स्थिति पर और अवैध निर्माण को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।
कोर्ट ने कहा कि सरकार दिल्ली में अवैध निर्माण को वैध बना रही है और सीलिंग के विरोध में व्यापारियों को पूरे दिल्ली को बंधक बना लेने को छूट दे दी है।
जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि व्यापारियों ने प्रदर्शन के चलते दिल्ली के 186 लाख लोगों को बंधक बना लिया जाता है और इसे केंद्र सरकार संरक्षण दे रही है।
कोर्ट ने कहा, 'अवैध कॉलोनियों में कोई सीवेज सिस्टम, ड्रेनेज और पार्किंग नहीं है। लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इसके बावजूद सरकार अवैध निर्माण को संरक्षण देने में लगी है।'
कोर्ट ने कहा, 'अवैध निर्माणों को स्थाई बनाया गया और उसके बाद वैध बनाया जा रहा है यह पूरी तरह बर्बादी है।'
केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ए एन एस नाडकर्णी को कहा कि चाहे आप डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) हों, सरकार हों, या दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) हों, आपको यह समझना होगा कि दिल्ली के लोग महत्वपूर्ण हैं।
बता दें कि इससे पहले 2 अप्रैल को भी सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि 31 मार्च 2002 से 2006 के बीच क्या अवैध कॉलोनीयां बनी, अगर हां तो अवैध निर्माण को रोकने के लिए क्या एक्शन लिया गया।
जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा था कि ऐसा लगता है कि दिल्ली के लोग आपके लिए अहम नहीं है, जो लोग गड़बड़ी कर रहे है, वो अहम है, आप दिल्ली की जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आपने दिल्ली के लिए समस्या पैदा की है, अब आप हमारे लिए (कोर्ट के लिये) समस्या पैदा नहीं कीजिये।
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