logo-image

दिल्ली में अब मस्जिदों के इमामों को मिलेगी इतनी सैलरी, वक्फ बोर्ड की मदद करेगी सरकार

दिल्ली (Delhi) में मस्जिदों (Mosques) के इमामों (Imams) के वेतन में वृद्धि का फैसला किया गया है.

Updated on: 22 Jun 2019, 08:08 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली में मस्जिदों के इमामों (Imams) के वेतन में वृद्धि का फैसला किया गया है. दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) के चेयरमैन ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की मौजूदगी में कहा कि इमामों का वेतन दस हजार से बढ़ाकर 18 हजार करने का फैसला किया गया है. उन्हें फरवरी से बढ़ी हुई सैलरी मिलने लगेगी.

यह भी पढ़ें ः Happy Birthday Amrish Puri: खलनायकी को अलग पहचान देने वाले अमरीश पुरी के जन्मदिन पर Google ने dedicate किया ये Doodle

वक्फ बोर्ड चेयरमैन अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) ने बताया कि जब मिनिमम वेज बढ़कर 14 हजार हो गया है तो ऐसे में इमामों की सैलरी में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा, मस्जिदों के इमामों की काफी समय से मांग थी कि सैलरी बढ़ाई जाए, लेकिन दो साल तक वक्फ बोर्ड को भंग रखा गया था. उन्होंने बताया कि दिल्ली में वक्फ बोर्ड करीब 300 मस्जिदों के इमामों को सैलरी देता है और अब सैलरी 18000 रुपये होगी. इन 300 मस्जिदों के मोअज्जिन को 16000 रुपये सैलरी मिलेगी.

वक्फ बोर्ड की मदद करेगी दिल्ली सरकार (Delhi Government)

दिल्ली में करीब 1500 मस्जिदें ऐसी हैं, जहां पर वक्फ बोर्ड का डायरेक्ट कंट्रोल नहीं है और इन मस्जिदों में वक्फ बोर्ड की कमेटी नहीं है. वक्फ बोर्ड ने यह भी फैसला लिया है कि इन 1500 मस्जिदों के इमामों को अब 14000 रुपये सैलरी दी जाएगी और मोअज्जिन को 12000 रुपये मिलेंगे. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार वक्फ बोर्ड के फैसलों के साथ है. सरकार वक्फ बोर्ड की बेहतरी के लिए हर संभव मदद करेगी.

गरीबों और असहायों के लिए काम कर रहा है वक्फ बोर्ड

अमानतुल्लाह खान ने कहा कि पहले वक्फ बोर्ड को प्राइवेट प्रॉपर्टी की तरह चलाया जाता था. अब वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज, गरीबों और यतीमों की मदद के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम चला रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टीज से अवैध कब्जे हटाए जाएं और इन प्रॉपर्टीज का इस्तेमाल गरीबों के लिए होना चाहिए. इन प्रॉपर्टीज पर स्कूल, अस्पताल बनाए जाएंगे और इनको बनाने का खर्चा दिल्ली सरकार देगी.