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DDCA मानहानि मामला: कोर्ट ने केजरीवाल को 21 मार्च को पेश होने का आदेश दिया

केजरीवाल को शनिवार को कोर्ट के सामने पेश होना था। हालांकि, केजरीवाल ने इलाज के लिए बेंगलुरू में मौजूद होने की बात कहते हुए कोर्ट से उन्हें रियायत देने की अपील की थी।

Updated on: 19 Feb 2017, 09:20 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने डीडीसीए और चेतन चौहान की ओर से दायर मानहानी के एक मामले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को अदालत के सामने पेश होने को कहा है। इससे पहले अदालत ने शनिवार को व्यक्तिगत पेशी से उन्हें छूट दे दी।

केजरीवाल को शनिवार को कोर्ट के सामने पेश होना था। हालांकि, केजरीवाल ने इलाज के लिए बेंगलुरू में मौजूद होने की बात कहते हुए कोर्ट से उन्हें रियायत देने की अपील की थी जिसे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मलहोत्रा ने मान लिया। केजरीवाल 22 फरवरी को दिल्ली लौटेंगे।

केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा कि ऐसा नहीं है कि वह जानबूझकर पेशी से बच रहे हैं। अदालत ने साथ ही निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद को जमानत दे दी जिन्हें केजरीवाल के साथ आरोपी के तौर पर मामले में तलब किया गया था। उन्हें 10,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर जमानत दी गई। सुनवाई के दौरान आजाद के वकील ने दलील दी कि शिकायत विचार योग्य नहीं है क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने जस्टिस विक्रमजीत सेन को क्रिकेट संघ का प्रशासक नियुक्त किया है।

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डीडीसीए एवं चौहान की तरफ से पेश हुए वकील संग्राम पटनायक ने इसका विरोध करते हुए दलील दी कि याचिका पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि जब शिकायत दायर की गई थी तब चौहान डीडीसीए के उपाध्यक्ष थे। अदालत ने गत 30 जनवरी को केजरीवाल और आजाद को तलब करते हुए कहा था कि प्रथम दष्टया उनके बयानों से क्रिकेट संघ एवं उसके अधिकारियों की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

शिकायत में दावा किया गया था कि केजरीवाल और आजाद ने चचार्ओं में बने रहने और राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए मानहानि करने वाले बयान दिए। याचिका में कहा गया है कि केजरीवाल ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि वित्तीय हेरफेर के अलावा, डीडीसीए में देह व्यापार गिरोह सहित कई बड़ी कारगुजारियां हो रही हैं। कोर्ट ने भी यह गौर किया कि केजरीवाल का यह बयान न केवल टीवी पर गया बल्कि कई अखबारों, पत्रिकाओं और इंटरनेट पर भी छपा।

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