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दिल्ली: पिता ने कहा बीएल कपूर अस्पताल की लापरवाही से बेटी की गई जान, वसूले अधिक पैसे

ग्वालियर के रहने वाले शख्स नीरज गर्ग ने दिल्ली के करोलबाग स्थित बीएल कपूर अस्पताल पर आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उसकी बेटी को जान चली गई।

Updated on: 11 Dec 2017, 03:27 AM

highlights

  • बीएल कपूर अस्पताल पर लापरवाही और अधिक पैसे वसूलने का आरोप
  • पिता ने कहा अस्पताल की लापरवाही से बेटी की गई जान, एक महीने तक चले ईलाज में 17 लाख रुपये का बिल बनाया

नई दिल्ली:

मैक्स और फोर्टिस अस्पतालों के विवाद के बाद दिल्ली में एक बार फिर प्राइवेट अस्पताल की कथित लापरवाही का मामला सामने आया है।

ग्वालियर के रहने वाले शख्स नीरज गर्ग ने दिल्ली के करोलबाग स्थित बीएल कपूर अस्पताल पर आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उसकी बेटी को जान चली गई।

नीरज गर्ग ने कहा, 'एक डॉक्टर की सलाह पर हमने बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया। मेरी बेटी का नवंबर महीने में ट्रांसप्लांट की सर्जरी की हुई थी। कुछ दिनों बाद वह बीमार पड़ गई, उसे सांस लेने में समस्या आने लगी और सर दर्द करने लगा। लेकिन डॉक्टर लगातार कह रहे थे कि यह सब नॉर्मल है।'

नीरज गर्ग के बेटी की मौत पिछले महीने 25 नवंबर को हो गई।

गर्ग ने कहा है कि अस्पताल ने एक महीने तक चले इलाज में 17 लाख रुपये का बिल बनाया। उन्होंने अस्पताल पर आरोप लगाया कि हड्डी ट्रांसप्लांट के इलाज के लिए उन्हें धोखा दिया है।

गर्ग ने कहा, 'मैंने इलाज से पहले अस्पताल से पूछा था कि इससे पहले इस तरह के केस आए हैं या नहीं। अस्पताल के आश्वासन के बाद ही इलाज शुरू हुई, लेकिन उसके बाद मेरी बेटी की स्थिति ज्यादा खराब हो गई।'

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उन्होंने कहा, 'कुछ दिनों बाद डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची को इंफेक्शन होने की वजह से आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ेगा। सबसे ज्यादा हैरान करने वाला था जब डॉक्टरों ने कहा कि सांस की दिक्कत के कारण बेटी को वेंटिलेटर पर रखना होगा। उन्होंने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है, इसलिए चिंता की बात नहीं है।'

अभी हाल ही में दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पीटल ने दो जुड़वा बच्चों को मृत घोषित कर दिया था, जबकि उनमें से एक जीवित था। इस लापरवाही के कारण दिल्ली सरकार ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया।

वहीं गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में डेंगू से पीड़ित सात साल की बच्ची की मौत हो गई, लेकिन बच्ची के 15 दिन के इलाज के लिए परिवार को 16 लाख का बिल थमा दिया था।

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