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TISS Report: बिहार के लगभग सभी शेल्टर होम्स में हिंसा और यौन शोषण

टीआईएसएस की यह रिपोर्ट बताती है कि बिहार के लगभग सभी सेल्टर होम्स में यौन शोषण की घटनाएं होती हैं। सेल्टर होम्स में बच्चों का जीवन और उनके साथ किया जाने वाला व्यवहार बहुत परेशान करने वाला है।

Updated on: 19 Aug 2018, 02:51 PM

नई दिल्ली:

बिहार सरकार ने टीआईएसएस (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस) की बिहार शेल्टर होम्स पर की गई रिसर्च रिपोर्ट सार्वजिक कर दी है। टीआईएसएस की यह रिपोर्ट बताती है कि बिहार के लगभग सभी शेल्टर होम्स में यौन शोषण की घटनाएं होती हैं। सेल्टर होम्स में बच्चों का जीवन और उनके साथ किया जाने वाला व्यवहार बहुत परेशान करने वाला है।

टीआईएसएस ने राज्य के शेल्टर होम्स में एक सर्वे किया। जिसकी रिपोर्ट 2017 में राज्य सरकार को सौंपी गई और रिपोर्ट इस वर्ष अप्रैल में सामाजिक कल्याण विभाग को सौंपी गई थी।

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इस 100 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'मुजफ्फरपुर शेल्टर होम' मामले में आरोपी ब्रजेश ठाकुर संदिग्ध हालातों में यह शेल्टर होमस चला रहा था। यहां हिंसा की कठोरतम घटनाएं हुई, लड़कियों के साथ निर्मम हिंसा और उनका यौन शोषण हुआ।

मामला सामने आने के बाद लड़कियों का मेडिकल किया गया, जिसके बाद वहां रह रही 34 लड़कियों के साथ बालात्कार की पुष्टि हुई।
टीआईएसएस टीम के अनुसार बिहार में ओम साई संस्थान द्वारा चलाया जाने वाले शेल्टर होम 'सेवा कुटीर' में भी लड़कियों के साथ हिंसा और यौन शौषण की घटनाएं हुई है। वहां रह रही लड़कियों ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें यहां नौकरी देने का वाद कर लाया गया था पर यहां शेल्टर होम्स में लाकर उनके साथ यौन शौषण और हिंसा हुई।

वहीं इस रिपोर्ट में राज्य के अन्य संस्थान, शेल्टर होम्स और गैर सरकारी संगठनों का भी नाम सामने आया है, जिसमें 'निर्देश' एनजीओ, 'सखी' संगठन, 'नोवेलिटी वेलफेयर सोसाइटी', एनजीओ 'पनाह', 'ग्राम स्वराज सेवा संस्थान', 'नारी' एजेंसी, 'आरवीईएसके' एजेंसी, 'ज्ञान भारती' एजेंसी, 'आईकेएआरडी' संस्थान शामिल हैं।

राजधानी पटना, जिला भागलपुर, मधुबनी, मोतीहारी और राज्य के अन्य जिलों में चलने वाले यह संस्थान बच्चों, लड़कियों और लड़को के साथ प्रेम और ममता का उदाहरण नहीं बने हैं। इन शेल्टर होम्स का काम इन बच्चों की सहायता करना है। पर यह उन बच्चों के साथ सालों से हो रहे यौन शोषण और हिंसा के गवाह बने हैं।

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यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इन मामलों में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही जो पीड़ित हैं उन्हें न्याय देना, उनके मानव अधिकार सुनिश्चित करना और एक अच्छा जीवन देना भी नीतिश कुमार सरकार की जिम्मेदारी है।