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रेवाड़ी गैंगरेप मामला: मां की पुकार, मुआवजा नहीं इंसाफ चाहिए, एसपी का हुआ तबादला

गौरतलब है कि अब तक इस मामले में एसआईटी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ कर रही है. गिरफ्तार लोगों में से एक का नाम दीनदयाल है. जानकारी के मुताबिक दीनदयाल ने वह जगह किराये पर दी थी जहां पीड़िता का रेप किया गया.

Updated on: 18 Sep 2018, 06:07 PM

नई दिल्ली:

हरियाणा के रेवाड़ी में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़िता के परिवारवालों ने रविवार को मुआवजा का चेक वापस करते हुए सरकार से इंसाफ़ की मांग की है. परिवारवालों का कहना है कि घटना के 5 दिन बाद भी सभी आरोपी आज़ाद घूम रहे हैं. हालांकि, आरोपियों की पहचान कर उनकी तस्वीरों को जारी किया गया है और उनका सुराग देने वालों को एक लाख ईनाम देने की घोषणा की गई है.

इस बारे में पीड़िता की मां ने कहा, 'कल (15 सितंबर) कुछ अधिकारी हमारे घर आए थे और मुझे मुआवजा राशि का चेक दिया. मैं आज इसे वापस कर रही हूं, क्योंकि हमें न्याय चाहिए, पैसे नहीं. घटना के पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. पुलिस पहले उन दरिंदों को पकड़े.'

गौरतलब है कि अब तक इस मामले में एसआईटी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ कर रही है. गिरफ्तार लोगों में से एक का नाम दीनदयाल है. जानकारी के मुताबिक दीनदयाल ने वह जगह किराये पर दी थी जहां पीड़िता का रेप किया गया. वहीं, रेप के बाद आरोपियों ने जिस डॉक्टर से पीड़िता की जांच कराई थी उसे भी हिरासत में लिया गया है. आरोपी युवकों ने दुष्कर्म के बाद पीड़िता की हालत बिगड़ने पर इसी डॉक्टर को बुलाया था. वहीं जिले के एसपी का ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके साथ ही आरोपियों की तलाश में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और कई अन्य राज्यों में कई स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं। 

हरियाण के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरोपियों की पहचान हो गई है, जल्द ही वो पुलिस हिरासत में होंगे. उन्होंने कहा, '3 लोगों की पहचान की गई है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आरोपी और पीड़िता एक दूसरे को जानते थे. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि एक आरोपी सेना का जवान है. आरोपियों की तलाश जारी है और सुराग देने वाले को 1 लाख़ ईनाम देने की घोषणा भी की गई है. उन्हें जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा.'

वहीं पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'पीड़ित परिवार का मानना है आरोपियों के ख़िलाफ़ शुरुआत में ही उचित कार्रवाई नहीं की गई और उन्हें फरार होने का मौक़ा दिया गया. यह एक शर्मनाक घटना है. हरियाणा में कानून व्यवस्था पूरी तरह से तहस नहस हो गई है. सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है, सरकार को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.'

इससे पहले शनिवार को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी एस बंधु ने बताया, 'इस मामले में तीन आरोपियों में राजस्थान में तैनात आर्मी जवान भी मुख्य आरोपी है. हम उनके खिलाफ वारंट जारी कर रहे हैं. उम्मीद है कि आज शाम तक गिरफ्तारी हो जाएगी. मामला दर्ज कर लिया गया है. अगर पुलिस विभाग के द्वारा कोई लापहरवाही हुई है तो रेवाड़ी के एडीजी जांच को देंखेंगे. अन्य दो आरोपियों को भी जल्द पकड़ा जाएगा.'

वहीं रेवाड़ी के एडीजी श्रीकांत जाधव ने कहा, 'हर मिनट की जानकारी मिलने पर हम काम कर रहे हैं. हमारे पास कुछ पुष्टि करने वाली जानकारियां हैं जो हमें सही दिशा में बढ़ने में मदद कर सकती हैं. जांच अब भी जारी है.'

आरोपियों की पहचान विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन के बाद बाहर आई थी. नूह की पुलिस अधीक्षक नाजनीन भसीन रेवाड़ी के जिला अस्पताल में छात्रा से मिलने पहुंची थी जहां पीड़िता की जांच चल रही है.

भसीन ने बताया, 'मैंने पीड़ित से बात की है, उसकी स्थिति स्थिर है. मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गयी है और हर पहलू से इस मामले की जांच की जा रही है.'

लड़की ने आरोप लगाया है कि महेंद्रगढ़ जिले में उसके साथ युवकों ने बुधवार को सामूहिक दुष्कर्म किया. पीड़ित के माता-पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही है और इसमें लापरवाही कर रही है. पीड़िता ने तीनों युवकों की पहचान बताई थी.

आरोपी भी पीड़िता के गांव के रहने वाले हैं. आरोपियों ने कथित तौर पर पीड़िता को रेवाड़ी कस्बे में कोचिंग जाने के दौरान अपने वाहन में बुधवार को अगवा कर लिया था.

पीड़िता ने आरोप लगाया था कि युवकों ने उसे पीने के लिए पानी दिया, जिसमें नशीला पदार्थ मिला हुआ था. छात्रा ने कहा था कि तीनों ने उसके साथ कनीना गांव में दुष्कर्म किया और बाद में गांव के निकट बस स्टॉप के पास फेंक दिया.

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पीड़ित के परिवार का आरोप है कि रेवाड़ी में महिला पुलिस थाने ने शुरुआत में अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए शिकायत लिखने से इनकार कर दिया. पुलिस ने बाद में 'जीरो एफआईआर' दर्ज किया था. जीरो एफआईआर के तहत मामले को बाद में संबंधित पुलिस थाने को भेज दिया जाता है.