logo-image

केरल: रेप के आरोपी पादरियों को अदालत से नहीं मिली राहत

दोनों पादरियों के वकील ने अनुरोध किया कि जब तक अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं हो जाती, तबतक उनकी गिरफ्तारी को रोका जाना चाहिए।

Updated on: 04 Jul 2018, 08:42 AM

केरल:

केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को रेप के एक मामले में आरोपी चार ऑर्थोडॉक्स पादरियों में से दो को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया और मामले की अगली सुनवाई सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दी। इन पादरियों ने अदालत से अग्रिम जमानत के लिए अनुरोध किया था।

कोट्टायम मुख्यालय वाले मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च के दोनों पादरियों अब्राहम वर्गीस और जॉब मैथ्यू ने अदालत से उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें एक ग्रामवासी महिला के यौन शोषण मामले में झूठे तरीके से फंसाया गया है।

अभियोजन पक्ष ने हालांकि कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि किसी भी हाल में अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

दोनों पादरियों के वकील ने अनुरोध किया कि जब तक अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं हो जाती, तबतक उनकी गिरफ्तारी को रोका जाना चाहिए।

और पढ़ें: केरल: नन ने बिशप पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, शिकायत दर्ज

लेकिन अदालत ने इंकार कर दिया। अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले इन दो पादरियों के साथ ही दो अन्य पादरियों जेसी जॉर्ज और जॉनसन मैथ्यू के खिलाफ केरल पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है।

अपराध शाखा पीड़िता के पति के लगाए गए आरोपों के आधार पर मामले की जांच कर रही है।

वह भी उसी चर्च से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि पिछले एक दशक में पांच पादरियों ने उनकी पत्नी का यौन शोषण किया है।

एक पादरी को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि महिला ने अपनी शिकायत में केवल चार पादरियों का ही नाम लिया था। 

और पढ़ें: मध्य प्रदेश: टीकमगढ़ में बीजेपी नेता की बदसलूकी, महिला पुलिस अफसर की फाड़ी वर्दी