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कानून बनाने के बाद भी नहीं रुक रहे तीन तलाक के मामले, बिजनौर में भरी पंचायत में दिया ट्रिपल तलाक

बिजनौर के महमूदपुर नेशो गांव का है जहां अब्दुल कादिर का निकाह साल 2015 में मुमताज अंजुम के साथ हुआ अब्दुल मसीत गांव का निवासी था.

Updated on: 31 Aug 2019, 09:18 PM

highlights

  • कानून बनने के बाद भी नहीं रुक रहा तीन तलाक
  • यूपी के बिजनौर में आया ट्रिपल तलाक का मामला
  • भरी पंचायत में अब्दुल ने दिया बीवी को तीन तलाक

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक को लेकर कानून बनाए जाने के बाद भी तीन तलाक के मामले नहीं रुक रहे हैं. तलाक की खबरें आए दिन कहीं न कहीं से आ ही जाती हैं. अब उत्तर प्रदेश के बिजनौर में शनिवार को फिर एक तीन तलाक का मामला सामने आया है. बिजनौर में मुस्लिम महिला शिक्षामित्र के रूप में कार्यरत थी उसके पति ने उसे तलाक दे दिया मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक मुस्लिम महिला का शिक्षक संवर्ग में समायोजन रद्द होने के बाद से उसका पति अब्दुल कादिर उससे नाराज चल रहा था. अब्दुल पत्नी के वेतन कम होने की वजह से वह अपनी पत्नी से लगातार मारपीट किया करता था जिसके बाद पत्नी ने अब्दुल कादिर के खिलाफ तहरीर दे दी.

मामला बिजनौर के महमूदपुर नेशो गांव का है जहां अब्दुल कादिर का निकाह साल 2015 में मुमताज अंजुम के साथ हुआ अब्दुल मसीत गांव का निवासी था. शादी के समय मुमताज अंजुम शिक्षामित्र थी और उनका शिक्षक के रूप में समायोजन हो चुका था. तब मुमताज का वेतन लगभग 39 हजार था. समायोजन रद्द होने के बाद मुमताज का वेतन कम होकर 10 हजार रुपये ही रह गया. जिसके बाद उसका पति आए दिन उससे मार-पीट किया करता था. अब्दुल कादिर ने लगातार पत्नी के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया और एक दिन उसने फोन पर ही पत्नी को तीन बार तलाक तलाक तलाक बोल दिया.

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मुमताज ने इसकी शिकायत की जिसके लिए पंचायत भी की गई लेकिन अब्दुल ने अपनी पत्नी को भरी पंचायत में भी तीन तलाक दे दिया. इसके बाद अब्दुल कादिर के खिलाफ चांदपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई. चांदपुर थाने की पुलिस ने शिकायत के बाद मामला दर्ज कर लिया और मामले की छानबीन शुरू कर दी है.

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