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केरल की अदालत ने 'दुष्कर्मी' पादरी को 60 वर्ष की जेल की सजा सुनाई, 3 लाख का लगाया जुर्माना

केरल के कैथोलिक पादरी को नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने और यौन उत्पीड़न के तीन अलग-अलग मामलों में 60 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है.

Updated on: 16 Feb 2019, 10:33 PM

नई दिल्ली:

केरल के एक 51 वर्षीय कैथोलिक पादरी रोबिन वडक्कुमचेरी को नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने और यौन उत्पीड़न के तीन अलग-अलग मामलों में 60 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है. पुलिस आरोपपत्र में सह आरोपी चार नन, एक अन्य पादरी और एक महिला को पर्याप्त सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया. थालासेरी के न्यायाधीश पी.एन. विनोद ने वायनाड जिले के मनान्थवाडी डिओसिस के पादरी पर 2016 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने और उसके गर्भवती होने के मामले में 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

उस पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के अंतर्गत मामला चलाया गया था. वडक्कुमचेरी कन्नूर के समीप चर्च समर्थित विद्यालय का प्रबंधक था, जहां कक्षा 11 की पीड़िता छात्रा पढ़ती थी. पादरी को कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 27 फरवरी 2017 की रात को गिरफ्तार किया गया था, गिरफ्तारी के वक्त वह देश से भागने की फिराक में था. विद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए काम करने वाली एक संस्था ने पादरी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

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प्रबंधन द्वारा चलाए जा रहे एक अस्पताल में 7 फरवरी 2017 को लड़की के एक बच्चे को जन्म देने के बाद से पादरी दबाव में था.मामले के दौरान, पीड़िता व उसकी मां अपने बयान से पलट गए, उसके बावजूद न्यायालय ने पहले ही इकट्ठे किए जा चुके सबूतों के आधार पर कार्यवाही पूरी की और अपना फैसला सुनाया. पुलिस अब मामले में छह अन्य बरी किए गए लोगों के खिलाफ अपील करेगी, जिन्हें अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल पाया गया था.