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रोहित तिवारी की हत्या के मामले में दायर आरोपपत्र पर संज्ञान

साकेत जिला न्यायालय के मुख्य महानगर दंडाधिकारी मजिस्ट्रेट दीपक सेहरावत ने मामले की सुनवाई 25 जुलाई तक टाल दी है.

Updated on: 22 Jul 2019, 04:34 PM

highlights

  • रोहित मर्डर केस को अदालत ने संज्ञान में लिया
  • गुरुवार को पुलिस ने 518 पेजों की चार्जशीट दायर की 
  • 12 मई 2018 को हुई थी रोहित-अपूर्वा की शादी

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कांग्रेस नेता एन.डी. तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या के मामले में दायर आरोप-पत्र का संज्ञान लिया. साकेत जिला न्यायालय के मुख्य महानगर दंडाधिकारी मजिस्ट्रेट दीपक सेहरावत ने मामले की सुनवाई 25 जुलाई तक टाल दी है. हत्या की आरोपी अपूर्वा शुक्ला तिवारी और उनकेवकील महमूद परचा अदालत में इस दौरान मौजूद रहे. अपूर्वा को इसके बाद फिर से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को रोहित की हत्या के मामले में 518 पेजों का आरोप-पत्र दाखिल किया, जिसमें तस्वीरों, सीसीटीवी रिकॉर्डिग और पोस्टमार्टम के वीडियो के साथ 56 गवाहों के बयान मौजूद हैं. रोहित शेखर तिवारी की पत्नी अपूर्वा पर आरोप है कि उन्होंने अप्रैल 15-16 की रात अपने पति की गला दबाकर हत्या कर दी थी. इसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया और मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया था. 

आपको बता दें रोहित और अपूर्वा एक साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद 12 मई 2018 को शादी कर ली थी यह शादी एक साल भी नहीं चल सकी. 16 अप्रैल 2019 को रोहित अपने डिफेंस कॉलोनी वाले घर में मृत पाया गए थे. शुरुआत में इसे हार्ट अटैक माना जा रहा था लेकिन पुलिस की जांच आगे बढ़ने पर चार दिन के बाद इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया.

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रोहित के शव का पोस्टमॉर्टम 5 डॉक्टरों के पैनल ने किया था और इस नतीजे पर पहुंचे कि रोहित की मौत दम घुटने के कारण हुई थी. रोहित के गले पर कुछ निशान भी पाए गए थे और उनकी नाक से खून भी निकला था जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा था कि रोहित की हत्या गला और मुंह दबाकर की गई थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने यह केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया और 24 अप्रैल को रोहित की पत्नी अपूर्वा को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था.

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