logo-image

आसाराम को हाई कोर्ट से झटका, वरीयता के आधार पर ही सुनवाई

आसाराम की सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने न्यायिक अभिरक्षा की वरीयता के हिसाब से सुनवाई के आदेश दिए हैं.

Updated on: 26 Aug 2019, 04:24 PM

highlights

  • राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य खंडपीठ ने कहा वरीयता से हो सुनवाई.
  • इसके बाद अब आसाराम को सुनवाई के लिए करना होगा लंबा इंतजार.
  • छात्रा के यौन उत्पीड़न पर उम्र कैद की सजा काट रहे आसाराम.

नई दिल्ली.:

अपने ही गुरुकुल की छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कथित धर्म गुरु आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से सोमवार को बड़ा झटका लगा है. सोमवार को आसाराम की सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने न्यायिक अभिरक्षा की वरीयता के हिसाब से सुनवाई के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद अब आसाराम को अपनी अपील पर सुनवाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

यह भी पढ़ेंः ED केस में पी चिदंबरम की गिरफ्तारी की मियाद कल तक बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई पूरी

लंबे से बंद है तमाम कैदी जेलों में
गौरतलब है कि राजस्थान की जेलों में ऐसे कई कैदी हैं, जिनकी सजा के खिलाफ अपील लंबित है. राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर में वर्तमान समय में 7 साल या उससे अधिक समय से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद कैदियों की याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है, जबकि आसाराम 5 साल 11 महीना और 20 दिन से जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद है. ऐसे में आसाराम को अपनी याचिका पर सुनवाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

यह भी पढ़ेंः भारत सरकार को मिलने जा रहे हैं लाखों करोड़ रुपये, RBI ले सकता है बड़ा फैसला

2013 में गिरफ्तार हुए थे आसाराम
उल्लेखनीय है कि एससी-एसटी कोर्ट के तत्कालीन जज मधुसूदन शर्मा की कोर्ट ने आसाराम को जीवन के आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी. उसके खिलाफ आसाराम की ओर से हाईकोर्ट में एक अपील पेश की गई है. आसाराम ने 15 अगस्त, 2013 की रात को राजस्थान के जोधपुर स्थित मणाई आश्रम में पीड़िता नाबालिग के साथ यौन शोषण किया था. पीड़िता के परिजनों ने इस संबंध में 20 अगस्त को दिल्ली के कमला नेहरू बाजार थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 31 अगस्त की रात को इंदौर स्थित आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया था.