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पुणे के पास लापता आरटीआई कार्यकर्ता का शव मिला, हत्या की आशंका

शिरसाट के परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसे बाद में अपहरण के मामले में बदला गया और और अब अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

Updated on: 12 Feb 2019, 06:11 PM

नई दिल्ली:

एक लापता आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता का शव लवासा के पास एक घाटी से बरामद हुआ है. एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. भारतीय विद्यापीठ पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा कि विनायक शिरसाट का शव सोमवार को मिला और उसे मंगलवार को परीक्षण के लिए भेजा गया.

शिरसाट के परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसे बाद में अपहरण के मामले में बदला गया और और अब अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

प्रारंभिक जांच के अनुसार, पुलिस को संदेह है कि विनायक का अपहरण करके हत्या करने के बाद उनके शव को घाटी में फेंक दिया गया.

पुणे के शिवाने-उत्तम नगर के रहने वाले विनायक ने शहर के वडगांव-धायरी क्षेत्रों में और उसके आस-पास अवैध निर्माण से जुड़े मामलों के खिलाफ सक्रियता से काम कर रहे थे, जिसने बिल्डरों को काम रोकने के लिए मजबूर किया और यहां तक कि भारी जुर्माना भी भरना पड़ा.

इस महीने की शुरुआत में, उनके भाई किशोर शिरसाट ने विनायक के घर नहीं लौटने पर गुमशुदगी दर्ज कराई थी और पुलिस ने उनके आखिरी लोकेशन मुथा गांव से उनकी तलाश शुरू की थी.

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शिरसाट की हत्या से पहले, शहर में जनवरी 2010 में आरटीआई कार्यकर्ता सतीश शेट्टी की हत्या कर दी गई और फिर अगस्त 2013 में तर्कवादी मेडिको नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई.

सतीश शेट्टी के भाई संदीप ने बताया, 'मारे गए अधिकांश आरटीआई कार्यकर्ता जमीन, रियल्टी और धोखाधड़ी के बड़े मामलों से संबंधित संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रहे थे. हालांकि, अभी तक एक भी मामले में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है, जो यह दशार्ता है कि कोई भी आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या करके भाग सकता है.'