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दिल्ली में दिखा जालसाजी का अनूठा मामला, बैंक अकांउट खोले बिना ही दर्ज हुआ धोखाधड़ी का केस

दरअसल, महिला के नाम पर एचडीएफसी बैंक में न सिर्फ फर्जी बैंक अकाउंट खोला गया, बल्कि उस अकाउंट पर चेक बुक इश्यू करवाकर लगभग 1.58 लाख रुपये का चेक भी बाउंस करवा लिया गया.

Updated on: 15 May 2019, 11:16 AM

नई दिल्ली:

राजधानी में एमटीएनएल में कार्यरत एक 57 वर्षीय महिला से उगाही के लिए जालसाजी की एक चौंकाने वाली वारदात सामने आई है. दरअसल, महिला के नाम पर एचडीएफसी बैंक में न सिर्फ फर्जी बैंक अकाउंट खोला गया, बल्कि उस अकाउंट पर चेक बुक इश्यू करवाकर लगभग 1.58 लाख रुपये का चेक भी बाउंस करवा लिया गया. उसके बाद महिला को चेक बाउंस के केस में आरोपी बनाकर कोर्ट से समन जारी करवाया गया.

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महिला का नाम इंद्रप्रभा है जो दिल्ली के दिलशाद गार्डन में परिवार के साथ रहती हैं जिसकी उम्र 57 साल है. महिला अपनी नौकरी के आखिरी पड़ाव पर हैं. महिला अदालत से नोटिस तलब किए जाने पर हैरान-परेशान हो गई. महिला का कहना है कि उन्होंने कोई चेक इश्यू करना तो दूर, एचडीएफसी बैंक में कभी अकाउंट तक नहीं खुलवाया. फिर उनके नाम पर कैसे अकाउंट खुला, कैसे चेक बुक इश्यू हुई, कैसे उस चेक पर उनके साइन किए गए. ऐसे तमाम सवाल किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहे थे. लेकिन अभी तो उन्हें एक चेक बाउंस के केस में आरोपी बनाया जा चुका था. इसके बाद महिला ने फौरन पुलिस को शिकायत दी. आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत को नजरंदाज कर दिया.

आखिरकार महिला को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. उनकी तरफ से सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत पेटिशन दायर हुई. एडवोकेट विनित पंवार ने दलील दी कि इस तरह की चीटिंग का यह रेयर केस है. एक नौकरीपेशा और सभ्य महिला को जालसाजी करके चेक बाउंस के केस में फंसाया गया है, ताकि उनसे वसूली की जा सके. उनके खिलाफ चेक बाउंस का केस दाखिल करने वाला एक प्रॉपर्टी डीलर है, जो इंद्रप्रभा द्वारा हाल में खरीदी गई एक प्रॉपर्टी को जबरन हथियाना चाहता है.

उस प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त की डील में वह भी शामिल था. उसी दौरान इंद्रप्रभा की आईडी की फोटोकॉपी उस तक पहुंची, जिसका उगाही के लिए इस्तेमाल किया गया. उसी दस्तावेज के जरिए फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर चेक बाउंस के केस में फंसाया. इस साजिश में प्रॉपर्टी डीलर के अलावा अन्य लोग और बैंक कर्मी भी मिले हैं.

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के चलते माना कि इस मामले में बड़ी जालसाजी हुई है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बिना आवेदन किए बैंक अकाउंट खुल कैसे गया. कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार किया कि इस साजिश के पीछे बड़ा नेक्सस है. इसलिए गहनता से मामले की जांच होनी चाहिए. पुलिस को तत्काल एफआईआर दर्ज करके प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. कड़कड़डूमा की एक अदालत के आदेश पर फर्श बाजार पुलिस ने बीती 9 मई को धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है.