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प्रद्युम्न मर्डर केस: दिल्ली पुलिस की थ्योरी से उलट सामने आई CBI की जांच, पढ़ें 5 पॉइंट्स

गुरुग्राम के रायन इंटरनेशन स्कूल में 8 सितंबर को हुई छात्र प्रद्युम्न की हत्या में सीबीआई जांच सामने आने के बाद पुलिस की थ्योरी फेल होती नजर आई।

Updated on: 08 Nov 2017, 05:01 PM

नई दिल्ली:

गुरुग्राम के रायन इंटरनेशन स्कूल में 8 सितंबर को हुई छात्र प्रद्युम्न की हत्या में सीबीआई जांच सामने आने के बाद पुलिस की थ्योरी फेल होती नजर आई। सीबीआई ने जांच के बाद दावा किया कि छात्र की हत्या उसी स्कूल के एक 11वीं क्लास के छात्र ने की थी ताकि वह स्कूल में होने वाली पीटीएम (टीचर्स और पैरेंट्स की मीटिंग) रुकवा सके।

हरियाणा पुलिस की थ्योरी में सबसे पहले स्कूल के बस कंडक्टर को आरोपी बनाया गया था। वहीं सीबीआई जांच की थ्योरी एकदम उलट सामने आई है। यहां पढ़िए आखिर किन बिंदुओं पर सीबीआई और पुलिस की थ्योरी में अंतर रहा।

और पढ़ें: गुरुग्राम रायन स्कूल में CBI का दावा- छात्र ने PTM टालने के लिए की थी प्रद्युम्न की हत्या

यहां पढ़ें 5 पॉइंट्स

> जहां एक ओर हरियाणा पुलिस ने दावा किया था कि आरोपी ड्राइवर अशोक ने बस में रखे टूल बॉक्स से चाकू निकालकर प्रद्युम्न की हत्या की थी। दूसरी तरफ सीबीआई ने कहा कि आरोपी ने हत्या के एक दिन पहले ही चाकू खरीदा था। वह दूसरे दिन स्कूल बैग में चाकू रखकर ले गया था। हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी ने चाकू वहीं फ्लश कर दिया था।

> स्कूल के सीसीटीवी कैमरे से मिली फुटेज पर पुलिस को शक करने जैसा कुछ नहीं दिखा। लेकिन, सीबीआई ने इसी फुटेज को आधार बनाते हुए ग्यारहवीं के एक छात्र पर शक किया। लेकिन, फुटेज साफ नहीं थी तो पुलिस ने एक-एक करके सभी ग्यारहवीं के छात्रों से पूछताछ की और आखिर में इस नतीजे पर पहुंची।

> वहीं हत्या के पीछे की वजह सीबीआई और पुलिस ने अलग-अलग बताई है। जहां पुलिस ने बताया कि कंडक्टर अशोक वाशरूम में अश्लील हरकत कर रहा था, यह प्रद्युम्न ने देख लिया था। इसी वजह से प्रद्युम्न को अशोक ने मारा डाला। वहीं सीबीआई ने कहा कि हत्यारे ने पैरंट्स टीचर मीटिंग को टलवाने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की थी।

> सीबीआई की जांच में इस ओर इशारा किया गया है कि स्कूल प्रबंधन और स्कूल के दो छात्रों को इस घटना की जानकारी थी लेकिन वे मामले को दबाने में लगे रहे। वहीं हरियाणा पुलिस कंडक्टर अशोक को ही मुख्य आरोपी मानती रही, जिसने कथित तौर पर अपना जुर्म कबूल किया था। हालांकि बाद में कोर्ट में उसने फंसाए जाने का आरोप लगाया था।

> सीबीआई सूत्रों ने दावा किया है कि जांच एजेंसी के पास कुछ कॉल डिटेल्स भी हैं जिसे सबूत की तरह पेश किया जा सकता है। वहीं हरियाणा पुलिस ने जांच में ऐसे किसी कॉल डिटेल की बात नहीं की।