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अलीगढ़: BJP विधायकों पर लगा लिंग जांच करने वाले डॉक्टर्स को बचाने का आरोप

मंगलवार की रात राजस्थान सरकार के प्री कंसेप्शन एंड प्री-नैटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक सेल (पीसीपीएनडीटी) ने अलीगढ़ में भ्रूण की लिंग जांच करते एक डॉक्टर दंपति को रंगे हाथों पकड़ा था।

Updated on: 18 Oct 2017, 03:06 PM

नई दिल्ली:

यूपी के अलीगढ़ में दो बीजेपी एमएलए (मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली) पर भ्रुण की लिंग जांच करने वाले डॉक्टर्स की गिरफ्तारी में रुकवट पैदा करने का आरोप लगा है।

अलीगढ़ के जिलाधिकारी ऋषिकेश भास्कर याशोद ने दो बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने राजस्थान से आए हुए जांच अधिकारियों को डॉक्टर्स की गिरफ्तारी नहीं करने दी।

उन्होंने कहा, 'हमने सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को बताया था कि विधायक इस कानूनी मसले में दखल दे रहे हैं। कानूनी प्रक्रिया को लेकर हमने विधायकों को मनाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने एक भी न सुनी।'

उन्होंने यह भी कहा कि पीसीपीएनडीटी के अधिकारी विधायकों से इस मामले में मदद की उम्मीद कर रहे थे।

वहीं बीजेपी एमएलए अनिल पराशर ने डीएम द्वारा लगाए गए आरोप को ख़ारिज़ किया है। उन्होंने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा, 'हमने केवल निष्पक्ष जांच की मांग की थी, हमलोग बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ में विश्वास करते हैं। डीएम ने ग़लत जानकारी दी है।'

सू्त्रों के मुताबिक, अलीगढ़ के डीएम (जिलाधिकारी) समेत कई अधिकारियों ने बीजेपी विधायकों को ऐसा करने से रोका, लेकिन उन्होंने पीसीपीएनडीटी के अधिकारियों को उनका काम नहीं करने दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार की रात राजस्थान सरकार के प्री कंसेप्शन एंड प्री-नैटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक सेल (पीसीपीएनडीटी) ने अलीगढ़ में भ्रूण की लिंग जांच करते एक डॉक्टर दंपति को रंगे हाथों पकड़ा था।

मगर बीजेपी के स्थानीय विधायक संजीव राजा और अनिल पराशर ने उन दोनों को हिरासत में नहीं लेने दिया। आरोप ये भी है कि दोनों विधायकों ने इस दौरान पीसीपीएनडीटी के अधिकारियों को अल्ट्रासाउंड की मशीनें जब्त करने भी नहीं दी।