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Ind vs Aus: धर्मशाला टेस्ट में रहाणे और पुजारा पर होगा 'विराट' पारी खेलने का दारोमदार

पहले दिन का खेल खत्म होने से पहले भारतीय पारी की शुरुआत हो चुकी थी। हालांकि भारतीय टीम का खाता अभी नहीं खुला है। ऐसे में भारतीय टीम आज बढ़त बनाने के इरादे से मैदान पर उतरेगी।

Updated on: 26 Mar 2017, 08:16 AM

नई दिल्ली:

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा निर्णायक टेस्ट मैच की शुरुआत बेहद ही शानदार तरीके से हुई। 1-1 से बराबरी पर चल रहीं दोनों ही टीमें इस आखिरी टेस्ट मैच में अपनी पूरी ताकत लगाना चाहती हैं और इस निर्णायक टेस्ट को जीत सीरीज को सील करना चाहेंगी।

धर्मशाला में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय गेंदबाजों के नाम रहा। जहां भारत के पहले चाइनामैन गेंदबाज ने अपने डेब्यू टेस्ट में चार विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को फिरकी पर नचाया तो वहीं पूरी की पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 300 रन पर ढेर हो गई। पहले दिन का खेल खत्म होने से पहले भारतीय पारी की शुरुआत हो चुकी थी। हालांकि भारतीय टीम का खाता अभी नहीं खुला है। ऐसे में भारतीय टीम आज बढ़त बनाने के इरादे से मैदान पर उतरेगी।

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ओपनर पर दारोमदार

केएल राहुल और मुरली विजय की जोड़ी ने इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में दोनों ही ओपनर्स की जिम्मेदारी होगी कि वह भारतीय टीम को एक ठोस शुरुआत देकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाना होगा। अभी तक राहुल ने 3 टेस्ट मैचों में 4 हाफ सेंचुरी लगाई हैं, जिनमें 90 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है।

विराट के बिना करना होगा वार

भारतीय टीम की रीढ़ कप्तान कोहली का इस टेस्ट से बाहर हैं। ऐसे में भारतीय टीम की सबसे बड़ी चुनौती विराट इफेक्ट से बाहर निकल कर खुद को साबित करना होगा। पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि भारतीय टीम की बल्लेबाजी विराट कोहली के ही इर्द-गिर्द घूमती रहती हैं। ऐसे में हर बल्लेबाज को अपनी उपयोगिता साबित करने का यह सबसे बेहतरीन मौका होगा।

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चेतेश्वर पुजारा

इस सीरीज में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी पुजारा हैं। पिछले मैच में डबल सेंचुरी भी लगा चुके हैं और अब तक उन्होंने 3 टेस्ट मैचों में 348 रन बनाए हैं। मिडिल ऑर्डर में पारी को संभालने की पूरी जिम्मेदारी पुजारा की होती है।

अजिंक्य रहाणे

कोहली के बाहर होने के बाद इस टेस्ट मैच में कप्तानी की जिम्मेदारी निभा रहे अजिंक्य रहाणे पर इस निर्णायक टेस्ट में दोहरा दारमोदार होगा। एक तो टीम इंडिया की कप्तानी करके इस सीरीज को अपने कब्जे में लेना तो वहीं दूसरी जिम्मेदारी कप्तानी पारी खेलकर भारत को उस जीत की राह पर पहुंचाना। हालांकि रहाणे के बल्ला इस सीरीज में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाया है ऐसे में इस आखिरी टेस्ट में रहाणे को खुद को साबित करते हुए एक बड़ी पारी खेलनी होगी।