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Ind Vs Aus: क्यों हुई अभिनव मुकुंद की पांच साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी?

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकुंद को मौका मिला है लेकिन दोनों पारियों में उनके बल्ले से कुल 16 रन निकले। पहली पारी में तो वह 8 गेंदों पर बिना अपना खाता खोले पवेलियन लौटे।

Updated on: 06 Mar 2017, 09:39 PM

highlights

  • अभिनव मुकुंद ने 56 टेस्ट मैच के बाद की वापसी, घरेलू क्रिकेट में लगा चुके हैं 26 शतक
  • रणजी ट्रॉफी (2016-17) में बल्ले से निकले 849 रन, 2011 के बाद पहली बार टीम इंडिया में

नई दिल्ली:

पुणे टेस्ट में हार के बाद टीम इंडिया बेंगलुरू में भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ संघर्ष कर रही है। ऐसे में अब सवालों के घेरे में करीब साढ़े पांच साल बाद टेस्ट टीम में वापसी करने वाले अभिनव मुकुंद भी हैं।

अभिनव मुकुंद को बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए उनका नाम 16 सदस्यीय टीम में था लेकिन उन्हें प्लेइंग-11 में शामिल नहीं किया गया।

इसके बाद बेंगलुरू में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकुंद को मौका मिला है लेकिन दोनों पारियों में उनके बल्ले से कुल 16 रन निकले। पहली पारी में तो वह 8 गेंदों पर बिना अपना खाता खोले पवेलियन लौटे।

पांच साल बाद एक खिलाड़ी की वापसी के मायने

अभिनव को इससे पहले जुलाई-2011 में इंग्लैंड दौरे के लिए चुना गया था। तब लॉर्ड्स में अभिनव ने पहली पारी में 49 और फिर 12 रनों की पारी खेली। इसके बाद नॉटिंघम में भी वह कुछ खास नहीं कर सके थे। पहली पारी में वह बिना खाता खोले लौटे जबकि दूसरी पारी में उन्होंने तीन रन बनाए।

सवाल है कि इस बीच अभिनव मुकुंद ने ऐसा क्या किया कि उन्हें एक बार फिर टीम इंडिया में जगह दी गई है।

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एक नजर अभिनव मुकुंद के हाल के प्रदर्शनों पर

तमिलनाडु से खेलने वाले अभिनव मुकुंद ने 2016-17 के रणजी ट्रॉफी सत्र में 849 रन बनाए। इस दरान उन्होंने 14 पारियों में सात बार फिफ्टी या उससे अधिक बनाया।
यही नहीं, अभिनव ने इसमें चार को शतक में बदला और उनकी आखिरी सेंचुरी सेमीफाइनल में मुंबई के खिलाफ आई।

अभिनव मुकुंद से बेहतर विकल्प क्या

अभिनव मुकुंद ने अपने करियर में पांच टेस्ट मैच खेले हैं और बहुत प्रभाव नहीं छोड़ सके हैं। घरेलू क्रिकेट में जरूर मुकुंद ज्यादा मजबूत नजर आते हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 26 शतक और 30 अर्धशतक हैं। लेकिन क्या उनसे बेहतर विकल्प टीम इंडिया के पास नहीं था। मुरली विजय को कंधे में चोट है, जाहिर है मौका मुकुंद को मिलना था। पार्थिव पटेल की चोट के कारण पहले ही रिद्धिमान साहा उनकी जगह टीम में शामिल कर लिए गए। एक मत यह रहा होगा कि किसी एक विकेटकीपर को ही टीम में रखा जाए।

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ऐसा नहीं है कि लंबे अंतराल के बाद केवल मुकुंद ही वापसी करने में कामयाब रहे हैं। मुकुंद ने 56 टेस्ट मैचों के बाद टीम इंडिया में वापसी की है जबकि पार्थिव पटेल ने 83 मैचों के बाद वापसी की थी। ऐसे ही ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन, या फिर सौरव गांगुली जैसे और भी कई खिलाड़ी हैं, जिन्होंने लंबे समय बाद भी इंटरनेशन क्रिकेट में वापसी की है।

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