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Ind Vs Aus: बेंगलुरू वनडे में जीते तो धोनी का रिकॉर्ड तोड़ देंगे विराट

विजय रथ पर सवार भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली की नजरें अपने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रिकार्ड को तोड़ने पर हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें गुरुवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जाने वाले चौथे वनडे मैच में हर हाल में जीत चाहिए होगी।

Updated on: 27 Sep 2017, 06:59 PM

नई दिल्ली:

विजय रथ पर सवार भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली की नजरें अपने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रिकॉर्ड को तोड़ने पर हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें गुरुवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जाने वाले चौथे वनडे मैच में हर हाल में जीत चाहिए होगी।

एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जाने वाले मैच में अगर भारतीय टीम जीत हासिल कर लेती है तो कोहली वनडे मैचों में कप्तान के तौर पर लगातार सबसे ज्यादा जीत (लगातार नौ मैच में जीत) हासिल करने के मामले में धौनी को पीछे छोड़ देंगे।

कोहली ने इंदौर में खेले गए मैच में धोनी के कप्तान के तौर पर लगातार नौ मैचों में जीत के रिकार्ड की बराबरी कर ली थी। इसी मैच को जीतकर भारत ने आस्ट्रेलिया के साथ खेली जा रही पांच वनडे मैचों की सीरीज में 3-0 की बढ़त ले ली थी।

धोनी ने फरवरी 2008 से जनवरी 2009 तक लगातार मैचों में जीत हासिल की थी। कोहली का लगातार जीत का सिलसिला इसी साल छह जुलाई से शुरू हुआ था जो अभी तक कायम है।

कोहली की कप्तानी वाली टीम ने सीरीज में अभी तक एकतरफा प्रदर्शन करते हुए आस्ट्रेलिया को हर मामले में बैकफुट पर ही रखा है।

भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने पिछले मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। हालांकि, पहले दो मैचों में उसका मध्यक्रम विफल रहा था। लेकिन टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने इसमें बदलाव किए और तीसरे मैच में हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या को चौथे नबंर पर उतारा और उनके स्थान पर मनीष पांडे को भेजा। उनका यह प्रयोग सफल रहा और टीम को जीत मिली।

टीम प्रबंधन की निगाह हो सकता है कि पहले दो मैचों में मध्य क्रम की असफलता पर हो। ऐसे में अगर पांड्या एक बार फिर चौथे नंबर पर देखे जाएं तो अचरच की बात नहीं है।

रोहित और अजिंक्य रहाणे पर टीम को अच्छी शुरुआत देने की जिम्मेदारी होगी। रहाणे ने पिछले मैच में अर्धशतक जड़ा था। वहीं कोहली और धोनी भी बल्ले से रन कर रहे हैं। पांडे पर हालांकि दबाव होगा लेकिन पिछले मैच में किए गए रन उनमें आत्मविश्वास का संचार कर सकते हैं।

इस सीरीज में भारत की गेंदबाजी उसकी सबसे बड़ी ताकत रही है। चाहे तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार हों या स्पिनर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव, सभी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

सीरीज पर कब्जा जमा चुकी मेजबान टीम इस मैच में बेंच पर बैठे खिलाड़ियों को आजमा सकती है। मोहम्मद शमी, उमेश यादव और अक्षर पटेल इस स्थिति में अंतिम एकदाश में आ सकते हैं।

वहीं, मेहमान टीम के लिए कुछ भी अच्छा नहीं रहा है। वह बल्ले और गेंद दोनों से अच्छी शुरुआत के बाद भी पीछे रह जाती है।

पहले मैच में गेंदबाजों ने अच्छी शुरुआत दिलाई लेकिन अंत में लय खो बैठे और फिर बल्लेबाज भी अपना काम नहीं कर पाए। दूसरे मैच में भी लगभग यही हुआ। तीसरे मैच में बल्लेबाज चले तो गेंदबाज विफल रहे।

कप्तान स्टीव स्मिथ और गेंदबाजी में नाथन कल्टर नाइल को छोड़कर कोई और खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है। हालांकि पिछले मैच में सलामी बल्लेबाज एरॉन फिंच की वापसी से टीम को मजबूती मिली, उन्होंने आते ही शतक जड़ा।

दूसरे सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर पर भी रन करने की जिम्मेदारी है। लेकिन वार्नर और ग्लेन मैक्सवेल का भी बल्ले से खामोश रहना आस्ट्रेलिया के लिए सिर दर्द है। स्पिन गेंदबाज एश्टन अगर उंगली में चोट के कारण पूरी सीरीज से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह चौथे मैच में एडम जाम्पा को मौका दिया जा सकता है।