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विराट कोहली ने दिया सफलता का मंत्र, 'सुनों अपने दिल की बात क्योंकि डर के आगे जीत है'

टेस्ट सीरीज में 4-0 से इंग्लैंड को धूल चटाने वाले भारतीय टेस्ट टीम कप्तान विराट कोहली ने अपने प्रशंसको के लिए एक खुला खत लिखा है।

Updated on: 24 Dec 2016, 03:37 PM

नई दिल्ली:

टेस्ट सीरीज में 4-0 से इंग्लैंड को धूल चटाने वाले भारतीय टेस्ट टीम कप्तान विराट कोहली ने अपने प्रशंसको के लिए एक खुला खत लिखा है। भारतीय टेस्ट टीम और आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर के कप्तान विराट कोहली ने डर को खत्म कर बोल्डनेस के साथ खेलने की सलाह दी है।

रॉयल चैलेंज स्पोर्ट्स ड्रिंक ने लोगों को प्रेरित करने के लिए एक नए अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मकसद लोगों के दिल से डर खत्म कर आगे आ कर अपनी जिंदगी जीने का संदेश देना है।

इस अभियान के लिए भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली ने एक खुला खत लिखकर 'अगर बोल्ड नहीं खेलेंगे, तो कभी न जान पाएंगे' का संदेश अपने प्रशंसकों को देने की कोशिश की है।

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यह अभियान उन लोगों को प्रेरित करने के लिए है, जो सामाजिक कलंक, असफलता आदि के डर से बाहर नहीं आते हैं। भारतीय कप्तान विराट ने एक खुले खत में कहा है, 'जब मैं परंपरा के विपरीत कोई फैसला करता हूं, तो मुझे नहीं पता होता है कि यह सही होगा या नहीं। मुझे नहीं पता होता है कि मैं सफल होउंगा या नहीं।'

कोहली ने अपने प्रशंसको को दिया खत

कोहली ने कहा, 'नए साल के लिए मेरा मंत्र है, मैं वही करूंगा, जो मैं हमेशा करता आया हूं। मैं अपने दिल की बात सुनूंगा, अपने फैसले करूंगा, क्योंकि किसे पता कल हम कौन सी मंजिल, कौन से मुकाम पाएंगे? पर एक बात जरूर है, अगर बोल्ड नहीं खेलेंगे, तो कभी ना जान पाएंगे।'

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय टीम के कप्तान चुने गए कोहली ने कहा, 'मुझे एक बात पता होती है कि चाहे यह कितना भी बोल्ड या डरावना लगे, लेकिन जब समय आता है तो मुझे यह कदम उठाना पड़ता है, मुझे अपने डर को छोड़कर कदम उठाना पड़ता है, जैसा कि दो साल पहले एडिलेड टेस्ट में मैंने किया।'

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कोहली ने 2014 में खेले गए एडिलेड टेस्ट मैच का उदाहरण देते हुए कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ड्रॉ से संतुष्ट होने की जगह हमने जीतने की कोशिश की और हार गए। उस दिन हम इतिहास बदल सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लेकिन क्या मुझे उस कदम पर पछतावा है? बिल्कुल भी नहीं।'

कोहली ने कहा, "सच्चाई यह है कि मेरे सामने अगर फिर वैसी स्थिति आएगी, तो फिर से मैं वही करूंगा और ऐसा सिर्फ क्रिकेट में नहीं होगा। मेरा विश्वास करें, किसी भी फैसले को न करने के पछतावे के साथ जीने से अच्छा है कि आप उस साहसी फैसले के परिणाम के साथ जिएं।"