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विजय हजारे ट्रॉफी: तमिलनाडु ने एक बार फिर रोका बंगाल का रास्ता

फिरोजशाह कोटला मैदान में खेले गए फाइनल मुकाबले में बंगाल ने तमिलनाडु को 47.2 ओवरों में 217 रनों पर ही समेट दिया था।

Updated on: 20 Mar 2017, 10:22 PM

नई दिल्ली:

मैन ऑफ द मैच दिनेश कार्तिक (112) के बाद गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी के दम पर तमिलनाडु ने फाइनल में बंगाल को हराकर पांचवीं बार विजय हजारे ट्रॉफी खिताब अपने नाम किया। फिरोजशाह कोटला मैदान में खेले गए फाइनल मुकाबले में बंगाल ने तमिलनाडु को 47.2 ओवरों में 217 रनों पर ही समेट दिया था। बंगाल को जीत की उम्मीद थी, लेकिन तमिलनाडु के गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए उसे 45.5 ओवरों में 180 रनों पर ढेर कर खिताब पर कब्जा जमाया।

यह तीसरी बार है जब तमिलनाडु ने बंगाल को इस टूर्नामेंट के फाइनल में मात दी है। इससे पहले उसने 2008-09, 2009-10 में लगातार दो बार बंगाल को फाइनल में हराकर उसे खिताब से वंचित रखा था। बंगाल सिर्फ एक बार 2011-12 में यह टूर्नामेंट अपने नाम कर सका है जबकि पांच बार उपविजेता रहा है।

आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी बंगाल की शुरुआत खराब रही। उसने चार रनों पर अपने दो विकेट गंवा दिए थे। सेमीफाइनल में शतक जमाने वाले अभिमन्यू ईश्वरन (1) और अगनिव पन खाता खोले बगैर पवेलियन लौट गए थे।

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श्रीवत्स गोस्वामी (23) भी 33 के कुल स्कोर पर आउट हो गए थे। कप्तान मनोज तिवारी (32) ने टीम को संभालने की कोशिश की लेकिन विपक्षी टीम के कप्तान विजय शंकर ने उनकी गिल्लियां बिखेर कर बंगाल को 68 के कुल स्कोर पर चौथा झटका दिया।

बंगाल के लिए 58 रनों का सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले सुदीप चटर्जी ने अनुस्प मजूमदार (24) के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 65 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत दिलाने की कोशिश की लेकिन साई किशोर ने चटर्जी को बोल्ड कर बंगाल की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया। वह 143 के कुल स्कोर पर आउट हुए। उनसे पहले मजूमदार भी पवेलियन लौट गए।

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अंत में आमिर गानी (24) ही संघर्ष कर सके लेकिन दूसरे छोर से उन्हें साथ नहीं मिला और बंगाल की टीम 45.5 ओवरों में 180 रनों पर ही ढेर होकर खिताब से चूक गई। तमिलनाडु के ओर से अश्विन क्राइस्ट, मोहम्मद मोहम्मद, राहिल शाह ने दो-दो विकेट लिए। शंकर, बाबा अपराजित और साई किशोर को एक-एक सफलता मिली।

इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी तमिलनाडु की शुरुआत बेहद खराब रही और उसने 49 रनों पर ही गंगा श्रीधर राजू (4), कौशिक गांधी (15), बाबा अपराजित (3) और कप्तान शंकर (2) के रूप में अपने चार अहम विकेट गंवा दिए। इसके बाद कार्तिक को इंद्रजीत (32) का अच्छा साथ मिला। दोनों ने टीम को शुरुआती झटकों से उबारा और पांचवें विकेट के लिए 85 रनों की साझेदारी की।

इंद्रजीत दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आउट होकर पवेलियन लौटे। कार्तिक ने मोहम्मद शमी की गेंद पर सीधा शॉट खेला, लेकिन गेंद इंद्रजीत के कंधे से टकरारकर मिडोन पर खड़े ईश्वरन के हाथों में गई, जिन्होंने विकेट पर सीधा वार करते हुए इंद्रजीत को पवेलियन का रास्ता दिखाया।

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इसके बाद आए वाशिंगटन सुंदर (22) ने कार्तिक के साथ मिलकर टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने की कोशिश की। दोनों ने मिलकर टीम का स्कोर 172 तक पहुंचाया ही था कि तभी रन लेने की जल्दबाजी में वाशिंगटन रन आउट हो गए।

कार्तिक को वाशिंगटन के आउट होने के बाद किसी भी बल्लेबाज का सही साथ नहीं मिला और वह अकेले ही संघर्ष करते रहे। अश्विन क्रिस्ट (10), मोहम्मद मोहम्मद (3), रविश्रीकिशन साइ किशोर (0) 212 के कुल योग तक पवेलियन लौट चुके थे, लेकिन कार्तिक दूसरा छोर संभाले हुए थे।

कार्तिक के रूप में तमिलनाडु का आखिरी विकेट गिरा। 120 गेंदों में 14 चौके मारने वाले कार्तिक शमी की गेंद पर हिट विकेट होकर पवेलियन लौट गए। बंगाल की ओर से शमी ने सबसे अधिक चार विकेट लिए, वहीं अशोक डिंडा ने तीन विकेट चटकाए। कनिष्क सेठ को एक सफलता हासिल हुई।

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