logo-image

सुप्रीम कोर्ट ने पी. एस. नरसिम्हा को बीसीसीआई में बनाया मध्यस्थ, निभानी होंगी ये सभी जिम्मेदारियां

बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों में लोढ़ा कमिटी की सिफारिशें लागू करने में आ रही दिक्कतों और फंड के बंटवारे समेत दूसरे विवादों में मध्यस्थ की भूमिका भी निभाएंगे.

Updated on: 14 Mar 2019, 06:30 PM

नई दिल्ली:

सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति ए. एम. साप्रे की पीठ द्वारा सुने जा रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और उससे मान्यता प्राप्त राज्य संघों के बीच के मामले को लेकर किसी भी तरह की अपील पर सुनवाई से देश की सभी अदालतों को रोक दिया है. पीठ ने साथ ही वरिष्ठ वकील व एमिकस क्यूरे को पी. एस. नरसिम्हा को बीसीसीआई और राज्य संघों के बीच चल रहे विवाद में मध्यस्थ बनाया है जो राज्य संघों की बात सुनेंगे और प्रशासकों की समिति (सीओए) को सुझाव देंगे.

ये भी पढ़ें- IPL 12 : दिल्ली कैपिटल्स के साथ जुड़े टीम इंडिया और कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली

इसके साथ ही वे बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों में लोढ़ा कमिटी की सिफारिशें लागू करने में आ रही दिक्कतों और फंड के बंटवारे समेत दूसरे विवादों में मध्यस्थ की भूमिका भी निभाएंगे. हालांकि नरसिम्हा ने इसके लिए कोई मानदेय लेने से मना किया, लेकिन जस्टिस बोबड़े ने कहा कि उन्हें इसकी एवज में भुगतान किया जाएगा. इससे पिछली सुनवाई में पीठ ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश डी.के. जैन को बीसीसीआई का लोकपाल नियुक्त किया था. वहीं लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे को सीओए का तीसरा सदस्य नियुक्त किया था.

ये भी पढ़ें- IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के हाथों सीरीज हारकर न चाहते हुए भी विराट के माथे लग गया ये 'कलंक', देखें रिकॉर्ड