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धोनी ने अपनी आलोचना पर तोड़ी चुप्पी, कहा- सबको अपनी बात रखने का हक है

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच से संन्यास लेने पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है।

Updated on: 12 Nov 2017, 07:58 PM

नई दिल्ली:

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच से संन्यास लेने पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। धोनी ने कहा, 'सबको जिंदगी में अपनी बात रखने का हक है।'

अजीत अगरकर समेत कुछ पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने हाल ही में धोनी के फॉर्म और टीम में उनकी भूमिका को लेकर आलोचना करते हुए कुछ सवाल उठाए थे।

धोनी ने पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर के बयान के जवाब में कहा, 'सबको जिंदगी में अपनी बात रखने का हक है और इसकी इज्जत करनी चाहिए।'

2007 में कप्तान के रुप में टी 20 विश्व कप जिताने वाले धोनी राजकोट में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी 20 मैच में भारतीय टीम 40 रनों से हार गई थी।

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धोनी ने कहा, 'भारतीय क्रिकेट टीम में खेलना ही सबसे बड़ी प्रेरणा है। क्रिकेटर्स को भगवान से तोहफा नहीं मिलता, लेकिन फिर भी उनका करियर लंबा चलता है। इसकी वजह जुनून है। कोच को यही मालूम करना चाहिए। हर कोई देश के लिए नहीं खेलता।'

दुबई में अपनी पहली इंटरनेशनल क्रिकेट अकैडमी के उद्घाटन के दौरान धोनी ने कहा, 'मेरा मानना है कि नतीजों से ज्यादा प्रक्रिया जरूरी है। मैंने कभी रिजल्ट के बारे में नहीं सोचा। मैंने हमेशा सही करने पर विचार किया, चाहे 10 रनों की जरूरत हो, 5 की हो या 14 रनों की।'

जब उनसे हेलिकॉप्टर शॉट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि युवा ऐसे शॉट्स ट्राय करें, क्योंकि इससे उनके घायल होने की संभावना है।

धोनी ने कहा, 'यह मैंने टेनिस बॉल से खेलते हुए सीखा है। यह मुश्किल है। टेनिस बॉल से अगर बल्ले के निचले हिस्से पर गेंद लगे तो वह दूर तक जाती है। लेकिन रियल क्रिकेट में इस शॉट को बल्ले के बीचोबीच से मारना पड़ता है। मैं नहीं चाहता कि युवा इसे खेलें, क्योंकि इससे उन्हें चोट लग सकती है।'

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