टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए डे-नाइट फॉर्मेट जरूरी: केविन पीटरसन
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए अपनी राय दी है। जहां भारत डे-नाइट टेस्ट खेलने को लेकर सहज नहीं है वहीं पीटरसन का मानना है कि क्रिकेट के इस पारंपरिक प्रारूप को बचाने का एकमात्र यही तरीका है।
नई दिल्ली:
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए अपनी राय दी है। जहां भारत डे-नाइट टेस्ट खेलने को लेकर सहज नहीं है वहीं पीटरसन का मानना है कि क्रिकेट के इस पारंपरिक प्रारूप को बचाने का एकमात्र यही तरीका है।
एमएके पटौदी लेक्चर में संबोधन के दौरान पीटरसन ने कहा, ‘ यदि हम चाहते हैं कि क्रिकेटर पांच दिवसीय क्रिकेट खेले तो हमें उन्हें अच्छे पैसे देने होंगे. हम उन्हें कैसे दें। इसके लिए टेस्ट क्रिकेट में बदलाव की जरूरत है। पांचों दिन रोमांच होना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि डे-नाइट के मैचों ने दिखाया है कि कैसे उतार-चढाव आ सकते हैं। आईपीएल उस समय नहीं खेला जाता जब उसके धुर प्रशंसक काम पर रहते हैं। टेस्ट क्रिकेट में भी ऐसा ही होना चाहिए।
पीटरसन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट को भी मार्केटिंग की जरूरत है। यहां हर खिलाड़ी कई वनडे मैच खेलता है, लेकिन जब हम उनकी असाधारण उपलब्धियों की बात करते हैं तो टेस्ट क्रिकेट का प्रदर्शन ही ध्यान में आता है।
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पीटरसन ने टेस्ट क्रिकेट की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा, ‘ सचिन तेंदुलकर, शेन वार्न, मैल्कम मार्शल, स्टीव वॉ, रिचर्ड हैडली, कपिल देव. महान लेकिन विवादास्पद दिवंगत हैंसी क्रोनिए भी इस खेल के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं।’
गौरतलब है कि क्रोनिए ने 2000 में स्वीकार किया था कि उन्होंने कुछ और खिलाड़ियों के साथ मिलकर मैच फिक्स करने के लिए पैसा लिया था। जिसके दो साल बाद ही विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी।
हालांकि आज भी अटकलें लगाई जाती है कि साउथ अफ्रीका में मैच फिक्सिंग गिरोह ने उनकी हत्या कराई है ताकि वह आगे कोई और खुलासा न कर सकें।
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