विदेशी धरती पर भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 5 सबसे सफलतम कप्तान, देखें कौन है नं 1
Ind vs Aus: बात की जाए तो भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कई कप्तानों ने अपने अलग व्यक्तित्व और अंदाज का परिचय मिलता है, जिन्होंने अपने हिसाब से भारतीय क्रिकेट को एक नया अंदाज दिया.
नई दिल्ली:
इंग्लैंड में 4-1 से सीरीज हारने के बाद टीम इंडिया एक बार फिर साल के आखिरी दौरे पर ऑस्ट्रेलिया पहुंची है. यहां टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के साथ 4 टेस्ट मैच खेलने हैं. जहां भारतीय टीम हर हाल में जीत दर्ज कर विदेशी दौरे पर अपने खराब परफॉर्मेंस के रिकॉर्ड को सुधारना चाहेगी, वहीं कप्तान विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया में भारत के लिए पहली टेस्ट सीरीज जीत कर इतिहास रचना चाहेंगे. हालांकि भारत के सामने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास की अब तक की सबसे कमजोर टीम है तो यह काफी हद तक मुमकिन भी लगता है, लेकिन अपने जुझारूपन और अनिश्चितता के लिए मशहूर कंगारू टीम मैच का निर्णय अपने पक्ष में रखने की हर संभव कोशिश करेगी.
ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए खेलने वाले हरफनमौला खिलाड़ी डेविड वॉर्नर और पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ की गैरमौजूदगी में देखना होगा कि विराट कोहली की कप्तानी भारत को ऑस्ट्रेलिया में किस हद तक इतिहास बना पाने में मदद करती है.
बात की जाए तो भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कई कप्तानों ने अपने अलग व्यक्तित्व और अंदाज का परिचय मिलता है, जिन्होंने अपने हिसाब से भारतीय क्रिकेट को एक नया अंदाज दिया. 1960 से पहले भारतीय क्रिकेट में ज्यादा जोखिम लिए बिना डिफेंसिव खेल को अधिक महत्व दिया जाता था. तब कई खिलाड़ियों की व्यक्तिगत उपलब्धियां तो थीं, लेकिन टीम परफॉर्मेंस बेहतरीन नहीं था.
आइये उन 5 भारतीय कप्तानों पर एक नजर डालें जिन्होंने विदेशों में भारतीय टीम को जीत दिला कर देश का नाम रोशन किया.
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5. बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi)
अपनी घूमती गेंदों से विपक्षी खेमे में खलबली मचाने के लिए मशहूर बिशन सिंह बेदी को उनकी कप्तानी के लिए भी जाना जाता है. वह एक करिश्माई कप्तान भी थे, जिन्होंने हमेशा टीम को आगे बढ़कर नेतृत्व किया. सीनियर्स और जूनियर्स दोनों ही बेदी के साथ खुद को सहज पाते थे.
उनकी कप्तानी में 1976 में भारत ने मेजबान वेस्टइंडीज के खिलाफ 406 रनों के पहाड़ से टारगेट को हासिल किया. चाहे वेस्टइंडीज द्वारा गलत शॉर्ट पिच गेंदबाजी की बात हो या फिर इंग्लैंड द्वारा गेंद के साथ गलत रणनीति की, बेदी हमेशा अपनी टीम के साथ खड़े होते थे. उनका अगला बड़ा पल ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज रही, जहां भारत को 2-3 से हार का सामना करना पड़ा.
बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में भारत ने 14 टेस्ट मैच खेले जिसमें से उसे 3 में जीत, 8 में हार और 3 मैच में बराबरी का सामना करना पड़ा.
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4. राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid)
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में राहुल द्रविड़ को अब तक के सबसे कमजोर कप्तान आंका गया है. हालांकि उनके आंकड़े बताते है कि उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने तमाम मुश्किलों के बाद भी वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में ऐतिहासिक सीरीज जीती. राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने 17 मैच खेले जिसमें से उसे 5 में जीत, 4 में हार और 8 में ड्रा का सामना करना पड़ा.
हालांकि, द्रविड़ को 2007 क्रिकेट विश्वकप की असफलता के लिए हमेशा याद किया जाएगा. लेकिन इन बातों के बावजूद भारत एक कप्तान और बल्लेबाज के तौर पर द्रविड़ का आभारी रहेगा.
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3. महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)
अपनी कप्तानी में भारत को 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का फिफ्टी ओवर वर्ल्ड कप जिताने वाले धोनी छोटे फॉर्मेट्स में बिना किसी बहस के सबसे सफलतम कप्तान रहे हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अपनी धरती पर मिली जीत को छोड़ दें तो विदेशी धरती पर वह बुरी तरह फ्लॉप रहे. जुलाई 2011 से जनवरी 2012 तक इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर लगातार 8 टेस्ट हारने का धोनी का रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब दौर में से एक है.
जहां तक आंकड़ों की बात है, धोनी भारत के अब तक के सबसे सफल कप्तान हैं. वे अपने पूर्व कप्तानों की मेहनत को कुछ समय के लिए आगे ले जाने में कामयाब रहे. हालांकि, जब टीम के सीनियर खिलाड़ी असफल हुए तो, वह खुद भी मात खा गए और भारत अपनी पुरानी नाकामी पर पहुंच गया.लेकिन खास बात है कि धोनी की कप्तानी में भारत कुछ समय के लिए टेस्ट क्रिकेट की दुनिया का बादशाह बना, इसलिए उनका जिक्र करना बनता है.
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धोनी की कप्तानी में भारत ने विदेशों में 30 मैच खेले जिसमें से उसे महज 6 मैचों में जीत मिली 15 में हार और 9 मैचों में बराबरी का सामना करना पड़ा.
2. विराट कोहली (Virat Kohli)
विराट कोहली के शुरुआती मैचों के रिकॉर्ड देखें तो वह जीत की संख्या के लिहाज से गांगुली और धोनी से काफी आगे नजर आते हैं. लेकिन इन आंकड़ों को जरा गौर से देखें तो समझ में आएगा कि कोहली की कप्तानी में मिली ज्यादातर अपनी धरती पर और वेस्टइंडीज और श्रीलंका जैसी टीमों के खिलाफ हासिल की हैं. ऐसे में कोहली की कप्तानी का असल टेस्ट दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की उछाल लेती पिचों पर होगा.
हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर पहुंची टीम इंडिया को 4-1 से सीरीज में हार का मुंह देखना पडा़. टीम इंडिया इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है जहां उसे 4 टेस्ट मैच खेलने हैं, ऐसे में अगर कप्तान विराट कोहली यहां सीरीज जीत पाने में कामयाब रहते हैं तो उनके नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान का ताज आ सजेगा.
कोहली ने अब तक विदेशों में 19 मैच खेले हैं जिसमें से उन्हें 9 में जीत, 6 में हार और 4 मैचों में बराबरी का सामना करना पड़ा है.
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1. सौरव गांगुली (Sourav Ganguly)
विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने का भारतीय रिकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम दर्ज है जिनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, जिम्बाब्वे समेत लगभग पूरी दुनिया में जीत हासिल की. सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम की बागडोर उस मुश्किल समय में हाथ में ली, जब मैच-फिक्सिंग घोटाले ने सारी उम्मीदें खत्म कर दी थीं.
आखिरकार, गांगुली के नेतृत्व में भारत इस मुश्किल समय से बाहर निकला. हालांकि इसमें टीम के प्रति समर्पित सीनियर खिलाड़ियों का भी उन्हें काफी सहयोग मिला. उनकी कप्तानी में विदेशी धरती पर जीत तो जैसे आम हो गईं और भारत ने नए मुकाम हासिल किए.
और पढ़ें: Asia Cup 2018: आख़िरकार दो साल बाद कप्तान धोनी ने बना ही दिया यह बड़ा रिकॉर्ड
सौरव गांगुली ने जिन 49 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की उनमें से 21 में भारत को जीत मिली, 13 में हार मिली जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे. खास बात ये है कि गांगुली के नाम विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा 11 टेस्ट मैच जीतने का भारतीय रिकॉर्ड दर्ज है.
अपनी घूमती गेंदों से विपक्षी खेमे में खलबली मचाने के लिए मशहूर बिशन सिंह बेदी को उनकी कप्तानी के लिए भी जाना जाता है. वह एक करिश्माई कप्तान भी थे, जिन्होंने हमेशा टीम को आगे बढ़कर नेतृत्व किया. सीनियर्स और जूनियर्स दोनों ही बेदी के साथ खुद को सहज पाते थे.
उनकी कप्तानी में 1976 में भारत ने मेजबान वेस्टइंडीज के खिलाफ 406 रनों के पहाड़ से टारगेट को हासिल किया. चाहे वेस्टइंडीज द्वारा गलत शॉर्ट पिच गेंदबाजी की बात हो या फिर इंग्लैंड द्वारा गेंद के साथ गलत रणनीति की, बेदी हमेशा अपनी टीम के साथ खड़े होते थे. उनका अगला बड़ा पल ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज रही, जहां भारत को 2-3 से हार का सामना करना पड़ा.
बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में भारत ने 14 टेस्ट मैच खेले जिसमें से उसे 3 में जीत, 8 में हार और 3 मैच में बराबरी का सामना करना पड़ा.
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में राहुल द्रविड़ को अब तक के सबसे कमजोर कप्तान आंका गया है. हालांकि उनके आंकड़े बताते है कि उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने तमाम मुश्किलों के बाद भी वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में ऐतिहासिक सीरीज जीती.
राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने 17 मैच खेले जिसमें से उसे 5 में जीत, 4 में हार और 8 में ड्रा का सामना करना पड़ा. हालांकि, द्रविड़ को 2007 क्रिकेट विश्वकप की असफलता के लिए हमेशा याद किया जाएगा. लेकिन इन बातों के बावजूद भारत एक कप्तान और बल्लेबाज के तौर पर द्रविड़ का आभारी रहेगा.
अपनी कप्तानी में भारत को 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का फिफ्टी ओवर वर्ल्ड कप जिताने वाले धोनी छोटे फॉर्मेट्स में बिना किसी बहस के सबसे सफलतम कप्तान रहे हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अपनी धरती पर मिली जीत को छोड़ दें तो विदेशी धरती पर वह बुरी तरह फ्लॉप रहे. जुलाई 2011 से जनवरी 2012 तक इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर लगातार 8 टेस्ट हारने का धोनी का रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब दौर में से एक है.
जहां तक आंकड़ों की बात है, धोनी भारत के अब तक के सबसे सफल कप्तान हैं. वे अपने पूर्व कप्तानों की मेहनत को कुछ समय के लिए आगे ले जाने में कामयाब रहे. हालांकि, जब टीम के सीनियर खिलाड़ी असफल हुए तो, वह खुद भी मात खा गए और भारत अपनी पुरानी नाकामी पर पहुंच गया.लेकिन खास बात है कि धोनी की कप्तानी में भारत कुछ समय के लिए टेस्ट क्रिकेट की दुनिया का बादशाह बना, इसलिए उनका जिक्र करना बनता है.
धोनी की कप्तानी में भारत ने विदेशों में 30 मैच खेले जिसमें से उसे महज 6 मैचों में जीत मिली 15 में हार और 9 मैचों में बराबरी का सामना करना पड़ा.
विराट कोहली के शुरुआती मैचों के रिकॉर्ड देखें तो वह जीत की संख्या के लिहाज से गांगुली और धोनी से काफी आगे नजर आते हैं. लेकिन इन आंकड़ों को जरा गौर से देखें तो समझ में आएगा कि कोहली की कप्तानी में मिली ज्यादातर अपनी धरती पर और वेस्टइंडीज और श्रीलंका जैसी टीमों के खिलाफ हासिल की हैं.
ऐसे में कोहली की कप्तानी का असल टेस्ट दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की उछाल लेती पिचों पर होगा. हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर पहुंची टीम इंडिया को 4-1 से सीरीज में हार का मुंह देखना पडा़. टीम इंडिया इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है जहां उसे 4 टेस्ट मैच खेलने हैं, ऐसे में अगर कप्तान विराट कोहली यहां सीरीज जीत पाने में कामयाब रहते हैं तो उनके नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान का ताज आ सजेगा.
कोहली ने अब तक विदेशों में 19 मैच खेले हैं जिसमें से उन्हें 9 में जीत, 6 में हार और 4 मैचों में बराबरी का सामना करना पड़ा है.
विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने का भारतीय रिकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम दर्ज है जिनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, जिम्बाब्वे समेत लगभग पूरी दुनिया में जीत हासिल की.
सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम की बागडोर उस मुश्किल समय में हाथ में ली, जब मैच-फिक्सिंग घोटाले ने सारी उम्मीदें खत्म कर दी थीं. आखिरकार, गांगुली के नेतृत्व में भारत इस मुश्किल समय से बाहर निकला. हालांकि इसमें टीम के प्रति समर्पित सीनियर खिलाड़ियों का भी उन्हें काफी सहयोग मिला. उनकी कप्तानी में विदेशी धरती पर जीत तो जैसे आम हो गईं और भारत ने नए मुकाम हासिल किए.
सौरव गांगुली ने जिन 49 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की उनमें से 21 में भारत को जीत मिली, 13 में हार मिली जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे. खास बात ये है कि गांगुली के नाम विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा 11 टेस्ट मैच जीतने का भारतीय रिकॉर्ड दर्ज है.
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