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ICC मुख्यालय में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट पर सुनवाई शुरू, जानिए क्या है बीसीसीआई-पीसीबी विवाद

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का कहना है कि दोनों क्रिकेट बोर्ड (भारत-पाकिस्तान) के बीच 2015 से लेकर 2023 के बीच 6 द्विपक्षीय सीरीज खेलने को लेकर समझौता हुआ था।

Updated on: 02 Oct 2018, 09:50 AM

दुबई:

भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज नहीं होने को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई सोमवार से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) मुख्यालय में शुरू हुई। बता दें कि पाकिस्तान ने द्विपक्षीय सीरीज समझौते को लागू नहीं करने के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर 7 करोड़ डॉलर का मुआवजा राशि का दावा किया था। इसी मुद्दे को लेकर कल से शुरू हुई आईसीसी पैनल की सुनवाई 3 अक्टूबर तक चलेगी। माइकल बेलोफ की अगुआई वाली तीन सदस्यीय समिति ने पहले दिन सुनवाई की। समिति के दो अन्य सदस्य जेन पालसन और डॉ अनाबेल बेनेट हैं।

जानिए क्या है पूरा विवाद

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का कहना है कि दोनों क्रिकेट बोर्ड (भारत-पाकिस्तान) के बीच 2015 से लेकर 2023 के बीच 6 द्विपक्षीय सीरीज खेलने को लेकर समझौता हुआ था। यह समझौता 2014 में हुआ था, उस वक्त बीसीसीआई के तत्कालीन सचिव संजय पटेल ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।

पीसीबी के अनुसार, इसमें से चार सीरीज की मेजबानी पाकिस्तान को करनी थी। छह दौरों में 14 टेस्ट, 30 वनडे और 12 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच सहित 56 मैच शामिल थे। इस समझौते से इनकार करने के लिए पीसीबी ने बीसीसीआई के खिलाफ 7 करोड़ अमेरिकी डॉलर के मुआवजे का दावा ठोका था।

वहीं बीसीसीआई का कहना है कि यह अनुबंध उसके लिए बाध्यकारी नहीं है क्योंकि पीसीबी ने बीसीसीआई के 'बिग थ्री' राजस्व वितरण मॉडल का समर्थन नहीं किया था जहां भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को मुनाफे का अधिक हिस्सा मिलना था।

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पीसीबी को एक पैसा देने का भी सवाल नहीं उठता। वे अपने वादे से पीछे हट गए। यह करार हमारे राजस्व माडल को उनके समर्थन पर आधारित था।'

पीसीबी के कई अधिकारियों का मानना है कि बीसीसीआई ने सरकार को मनाने का पर्याप्त इरादा नहीं दिखाया जिसके कारण 2007 से दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज नहीं हुई। बता दें कि मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच स्थिति काफी संवेदनशील है।

आईसीसी अध्यक्ष का बयान

ICC के अध्यक्ष डेविड रिचर्डसन ने हाल ही में कहा था कि भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड्स को द्विपक्षीय सीरीज के लिए अपने स्तर पर मुद्दों को सुलझाना चाहिए। रिजर्डसन ने कहा कि वे समझौते को लेकर हमेशा तैयार हैं अगर जरूरत होती है। अगर हम यह कर सकते हैं तो जरूर समझौता करवाएंगे। इसके अलावा यह दोनों देशों के ऊपर भी है।

रिचर्डसन ने कहा था, 'हम इस बात से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं कि दोनों देशों के बोर्ड के बीच इस तरह का विवाद चल रहा है। यह भारत और पाकिस्तान का मामला है। हम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज को फिर से शुरू करवाने की कोशिश करेंगे।'

पीसीबी का बदला रुख

आईसीसी मुख्यालय में सुनवाई शुरू होने से कुछ ही दिन पहले पीसीबी के नए चेयरमैन एहसान मनी ने एक बार फिर बीसीसीआई के साथ बातचीत शुरू करने की इच्छा जाहिर की है।

एहसान मनी ने कहा था, 'यह प्रक्रिया अब सुलझने की स्थिति में नहीं है। अब निष्कर्ष पर पहुंचने का अंतिम चरण आ गया है। भविष्य के लिए दोनों बोर्डों को एक सामान्य समाधान खोजना होगा और मैं इस खेल के लिए हर संभव प्रयास की तलाश करूंगा।'