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IND vs BAN: 3 ऐसे मौके जब आखिरी गेंद पर भारत ने बांग्लादेश के मुंह से छीनी जीत

2007 में बांग्लादेश के हाथो मिली हार के कारण भारत विश्व कप के ग्रुप स्टेज से बाहर हो गया था जिसका बदला भारत ने बीते 5 सालों में उन अहम मौकों पर हरा कर लिया जब जीत बांग्लादेश की दहलीज पर थी.

Updated on: 01 Oct 2018, 10:13 PM

नई दिल्ली:

एशिया कप 2018 खत्म हो चुका है पर फैन्स के सिर से इस टूर्नामेंट के फाइनल मैच के रोमांच का खुमार नहीं उतर पाया है. भले ही भारतीय टीम ने बांग्लादेश को हरा कर सातवीं बार इस खिताब को अपने नाम कर लिया पर एशिया कप के फाइनल मैच में बांग्लादेश के जबरदस्त प्रदर्शन ने क्रिकेट फैन्स का दिल जीत लिया है.

बेहद रोमांचक मुकाबले में भारत को पहली बार जीत के लिए आखिरी गेंद तक का इंतजार करना पड़ा. एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारत को आखिरी गेंद पर जीत इससे पहले 6 बार भारत ने 1 गेंद रहते जीत हासिल की है. भारत ने आखिरी बार 2010 में पाकिस्तान के खिलाफ 1 गेंद रहते जीत दर्ज की थी. हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब भारत ने बांग्लादेश के मुंह से जीत छीनी हो.

2007 में बांग्लादेश के हाथो मिली हार के कारण भारत विश्व कप के ग्रुप स्टेज से बाहर हो गया था जिसका बदला भारत ने बीते 5 सालों में उन अहम मौकों पर हरा कर लिया जब जीत बांग्लादेश की दहलीज पर थी.

भारत बनाम बांग्लादेश, क्वार्टर फाइनल्स, टी-20 वर्ल्ड कप 2016
2016 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारत और बांग्लादेश की टीमें क्वार्टर फाइनल में भिड़ी थी. बेंगलूरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में महज 146 रन ही बना सकी. जिसका पीछे करते हुए बांग्लादेश की टीम 9 विकेट के नुकसान पर 145 रन ही बना सकी.

गौरतलब है कि आखिरी ओवर में बांग्लादेश को जीत के लिए 10 रन की दरकार थी. भारत की ओर से हार्दिक पांड्या को आखिरी ओवर की कमान दी गई. हार्दिक की पहली गेंद पर महमदुल्लाह ने 1 रन देकर स्ट्राइक मुसफिकर रहीम को सौंप दी. जिसके बाद मुसफिकर ने हार्दिक की लगातार दो गेंदो पर दो चौके जड़ दिए.

अब बांग्लादेश को जीत के लिए 3 गेंदो पर महज 2 रन की दरकार थी. बांग्लादेश की टीम अपनी जीत को लेकर लगभग आश्वस्त थी. लेकिन हार्दिक की अगली ही गेंद पर रहीम ने डीप लेग पर उड़ा कर शॉट मारा और डीप मिड विकेट पर शिखर धवन को कैच थमा बैठे.

हालांकि इस दौरान महमदुल्लाह वापस स्ट्राइक पर आ चुके थे, हार्दिक की अगली गेंद पर फिर से एक बड़ा उलटफेर हुआ. एक बार फिर महमदुल्लाह ने उठा कर मारने के चक्कर में रविंद्र जडेजा को कैच थमा दिया और भारत एक बार फिर से मैच में वापस आ गया.

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अब आखिरी गेंद पर बांग्लादेश को जीत के लिए 2 रन चाहिए थे, और क्रीज पर नए बल्लेबाज शुवाग्ता होम मौजूद थे. हार्दिक ने गेंद फेंकी लेकिन वो बल्ला नहीं लगा सके और गेंद तत्कालीन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानो में पहुंच गई. वहीं दूसरी ओर बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने 1 रन लेने की कोशिश में दौड़ लगा दी लेकिन फुर्त कप्तान धोनी के शानदार रन आउट के चलते इस गेंद पर मुस्तफिजुर को रन आउट कर दिया और भारत को 1 रन से जीत हासिल हो गई.

भारत बनाम बांग्लादेश, निदाहास ट्रॉफी, 2018
मार्च 2018 में श्रीलंका ने अपने आजादी के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक त्रिकोणीय श्रृंखला का आयोजन किया. इस सीरीज में श्रीलंका के साथ भारत और बांग्लादेश की टीमों ने भाग लिया था. 17 मार्च को भारत और बांग्लादेश की टीमें इस सीरीज के फाइनल में भिड़ी.

वहीं अपने आखिरी मैच में बांग्लादेश के हाथों मिली हार से निराश श्रीलंकाई फैन्स भी इस मैच में भारत के समर्थन करने के लिए स्टेडियम में जुटे थे.

भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। बांग्लादेश ने निर्धारित 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 166 रन बनाए। स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने इस मैच में आखिरी गेंद पर जाकर जीत हासिल की.

भारत को आखिरी ओवर में जीत के लिए 12 रनों की दरकार थी. बांग्लादेश के लिए आखिरी ओवर की जिम्मेदारी सौम्य सरकार को दी गई. सौम्य सरकार ने ओवर की शुरुआत वाइड बॉल के साथ की लेकिन अगली ही गेद पर बल्लेबाजी कर रहे विजय शंकर गेंद से चूंक गए.

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दूसरी गेंद पर विजय शंकर ने 1 रन लेकर दिनेश कार्तिक को स्ट्राइक पर पहुंचा दिया, लेकिन कार्तिक ने कोई बड़ा शॉट न खेलते हुए 1 रन लिया और वापस विजय शंकर को स्ट्राइक सौंप दी.

अगली 3 गेंद में भारत को जीत के लिए 9 रन की दरकार थी, चौथी गेंद पर विजय शंकर के बल्ले से लगकर गेंद विकेटकीपर के पीछे से 4 रन दे गया. लेकिन सौम्य सरकार की अगली गेंद पर विजय शंकर मेहंदी हसन को कैच थमा बैठे. लेकिन गनीमत थी कि तब तक दिनेश कार्तिक वापस स्ट्राइक पर आ चुके थे.

अब भारत को जीत के लिए 5 रन की दरकार थी. सौम्य सरकार ने दिनेश कार्तिक को शॉर्ट गेंद फेंकी और दिनेश कार्तिक ने मिड ऑन पर छक्का जड़ भारत को जीत दिलाई. एक बार फिर बांग्लादेश के मुंह से भारत ने जीत को खींच लिया.

भारत बनाम बांग्लादेश, एशिया कप फाइनल, 2018
जब बात बांग्लादेश के मुंह से जीत छीनने की बात हो रही हो और एशिया कप के फाइनल का जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. दुबई अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. जहां पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश ने टीम के लिए अच्छी शुरुआत की.

जहां लिटन दास ने बांग्लादेश के लिए अपने करियर का पहला शतक जड़ा वहीं दूसरे छोर पर अन्य बल्लेबाज ज्यादा कुछ कर नहीं पाए और 222 रन के स्कोर पर ऑल आउट हो गए. लिटन के अलावा मेहेदी हसन मिराज ने 32 तो वहीं सौम्य सरकार ने 33 रनों की पारी खेली.

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वहीं लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की गाड़ी पूरे मैच के दौरान कभी आगे-कभी पीछे की तर्ज पर चलती दिखाई दी. भारत ने तेज शुरुआत तो की लेकिन पांचवें ओवर की चौथी गेंद पर शिखर धवन 15 के निजी स्कोर पर रुबले हुसैन की गेंद को मिडऑफ के ऊपर से खेलने के प्रयास में सौम्य सरकार के हाथों कैच थमा गए।

इसके बाद भारत ने 35 के कुल स्कोर पर अपना दूसरा विकेट अंबति रायडू के रूप में खो दिया. हालांकि इसके बाद भारत ने धैर्य के साथ खेलना शुरु किया और छोटी-छोटी साझेदारियों की बदौलत लक्ष्य की ओर बढ़ने लगा.

रोहित शर्मा एक छोर से बांग्लादेश के लिए संकट बने हुए थे। दिनेश कार्तिक (37) उनका अच्छा साथ दे रहे थे। स्कोर 83 तक पहुंच चुका था, लेकिन यहीं रुबेल की गेंद पर नजमुल इस्लाम ने रोहित का कैच पकड़ भारत को बड़ा झटका दिया। रोहित ने 55 गेंदों में तीन चौके और इतने की छक्कों की मदद से 48 रन बनाए।

कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी (36) के बीच भी अच्छी साझेदारी पनप रही थी, लेकिन यह जोड़ी अपनी असल लय पकड़ पाती उससे पहले कार्तिक 137 के कुल स्कोर पर महामुदुल्लाह की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए।

धोनी ने केदार जाधव (नाबाद 23) के साथ एक और साझेदारी करने की कोशिश की। यह जोड़ी अभी सिर्फ 23 रन ही टीम के खाते में जोड़ पाई थी कि 160 के कुल स्कोर पर धोनी मुस्ताफीजुर रहमान की गेंद पर मुस्ताफिकुर रहीम के हाथों लपके गए।

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जाधव को इस दौरान हैमस्ट्रिंग में समस्या हुई और इसी कारण वह 167 के कुल स्कोर पर 38वें ओवर में रिटायर्ड हर्ट हो गए और 47.2 ओवर में लौट कर आए। तब तक हालांकि रवींद्र जडेजा (23) और भुवनेश्वर कुमार (21) ने सातवें विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी कर भारत को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया।

लगा कि यह जोड़ी भारत को जीत दिला देगी तभी रुबेल की एक गेंद जडेजा के बल्ले का हल्का से किनारा लेकर रहीम के हाथों में जा समाई।

भारत को आखिरी ओवर में जीत के लिए 6 रनों की दरकार थी. बांग्लादेश की ओर से आखिरी ओवर की जिम्मेदारी महमदुल्लाह को दी गई. कुलदीप यादव ने ओवर की पहली गेंद पर 1 रन लेकर केदार जाधव को स्ट्राइक दी. केदार जाधव ने भी कुलदीप पर भरोसा जताते हुए अगली गेंद पर फिर से 1 रन दिया.

जाधव के भरोसे को सही साबित करते हुए कुलदीप ने अगली गेंद पर 2 रन लिए. अब भारत को अगली 3 गेंदों में जीत के लिए मात्र 2 रन की दरकार थी लेकिन महमदुल्लाह की अगली गेंद पर कुलदीप यादव चूक गए.

अब मैच एक बार फिर से रोमांचक स्तिथि में पहुंच गया, लेकिन अगली दो गेंदो पर 2 रन लेकर चोटिल केधार जाधव और कुलदीप यादव की जोड़ी ने बांग्लादेश के मुंह से जीत छीनने के अपने रिकॉर्ड को एक बार फिर से दोहरा दिया.