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ICC T20 World Cup, IND vs ENG: इन 5 गलतियों से भारतीय टीम का सपना हुआ चकना चूर

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 19.3 ओवरों में अपने सभी विकेट गंवाकर 112 रनों का स्कोर खड़ा किया. भारत के लिए स्मृति मंधाना (34) ने सबसे अधिक रन बनाए.

Updated on: 23 Nov 2018, 10:00 AM

नई दिल्ली:

एंटीगुआ में खेले गए महिला टी-20 विश्व कप टूर्नामेंट के दूसरे सेमीफाइनल मैच में नटाली स्कीवर (52) और एमी एलेन जोन्स (53) की शानदार बल्लेबाजी के दम पर इंग्लैंड ने भारतीय टीम को आठ विकेट से हरा दिया. सर विवियन रिचर्डस स्टेडियम में शुक्रवार को खेले गए इस मैच में मिली हार के कारण भारतीय टीम एक बार फिर फाइनल में जगह बना पाने में नाकाम रही. भारत के साथ यह तीसरी बार हुआ है जब वह सेमीफाइनल दौर से बाहर हो गई.

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 19.3 ओवरों में अपने सभी विकेट गंवाकर 112 रनों का स्कोर खड़ा किया. भारत के लिए स्मृति मंधाना (34) ने सबसे अधिक रन बनाए. ग्रुप स्टेज पर अपने सभी मैचों में जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम आखिर किन कारणों से सेमीफाइनल मैच में इतनी बुरी तरह से हार गई. आइये इसके पीछे के कारणों पर नजर डालें-

परिस्थितियों के विपरीत बल्लेबाजों का प्रदर्शन
भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया और कप्तान हरमनप्रीत के निर्णय को सही साबित करते हुए भारतीय टीम ने अच्छी शुरुआत भी दी. स्मृति मंधाना ने महज 23 गेंदों में 34 रन की पारी खेली लेकिन पावरप्ले की आखिरी गेंद पर आउट हो गई. इसके बाद से भारतीय बल्लेबाजों ने कंडीशंस को समझ कर खेलने की बजाय विस्फोटक खेलने की कोशिश की, नतीजन पूरी भारतीय टीम जो कि 89/2 थी वह 112 के स्कोर पर 3 गेंद रहते ऑल आउट हो गई.

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खराब अनुभवहीन बल्लेबाजी
एंटीगुआ की पिच काफी स्लो होने के कारण गेंदबाजों के लिए मददगार थी, ऐसे में बल्लेबाज को थोड़ा धैर्य के साथ खेलने की जरूरत थी और लगातार स्कोरबोर्ड चलाते रहना था. पर भारतीय बल्लेबाजों ने इसके उलट रन बनाने में जल्दबाजी दिखाते हुए खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया और जहां भारतीय टीम एक बड़ा लक्ष्य दे सकने में सक्षम थी वहां महज 112 रन ही बना सकी.

मिथाली राज का टीम में न होना
क्रिकेट की दुनिया में जितना योगदान प्रतिभा का है उसे उतना ही कामयाब और असरदार बनाती है खिलाड़ियों का अनुभव. आज के मैच में भारतीय टीम में प्रतिभा तो दिखी पर अनुभव का संगम न होने से उसे हार का सामना करना पड़ा. आयरलैंड के खिलाफ चोट लगने के कारण टीम से बाहर हुई कप्तान मिथाली राज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाई थी. हालांकि वो इस मैच के लिए फिट घोषित की गई थी. एंटीगुआ की धीमी पिचों पर मिताली राज का अनुभव अगर टीम में शामिल किया गया होता तो हो सकता था कि मैच का परिणाम कुछ और निकल आता और भारतीय टीम इतिहास रचने में कामयाब हो जाती.

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भारतीय टीम की खराब फील्डिंग
भारतीय टीम ने न सिर्फ खराब बल्लेबाजी की बल्कि खराब फील्डिंग के चलते भी मैच को विपक्षी टीम इंग्लैंड की झोली में डाल दिया. इंग्लैंड के लिए अर्धशतकीय पारी खेलने वाली नटाली स्कीवर का कैच पूनम यादव को छोड़ना महंगा पड़ा. स्कीवर 3 रन के निजी स्कोर पर थी जब अनुजा पाटिल की गेंद पर पूनम यादव ने बेहद आसान सा कैच छोड़ दिया. इसी छठे ओवर की पांचवी गेंद पर एक बार फिर मौका मिला जिसे भारतीय टीम भिना पाने में असफल रही. इतना ही नहीं मैच में कई जगह मिस फील्डिंग की गई और जिनकी वजह से जहां एक रन जाना चाहिए था वहां ज्यादा रन मिले.

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हरमनप्रीत की कप्तानी में अनुभव की कमी
पिछले 4 मैचों से एक ही गेम प्लान के साथ खेल रही भारतीय टीम इस मैच में भी उसी के तहत उतरी. हालांकि इस मैदान पर परिस्थितियां काफी अलग थी, बावजूद इसके भारतीय टीम किसी नए प्लान के साथ नहीं उतरी. रनों का बचाव करते हुए कप्तान हरमनप्रीत ने फील्डिंग प्लेसमेंट एकदम साधारण दर्जे की लगाई जिस कारण इंग्लैंड की लगातार स्कोरबोर्ड को चलाती गई और उसे आसानी से जीत हासिल हो गई. इतना ही नहीं कौर ने गेंदबाजों से बात कर परिस्थितियों के अनुसार उनकी लाइन लेंथ में बदलाव को लेकर कोई चर्चा नहीं की.