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जानें क्यों क्रिकेट में जीरो पर आउट होने पर कहा जाता है 'डक', पहली बार कहां हुआ था इस्तेमाल

आमतौर पर खिलाड़ी जब बिना खाता खोले वापस पवेलियन लौटता है तो उसके लिए 'डक' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि क्रिकेट की दुनिया में इस शब्द के इस्तेमाल के पीछे भी रोमांचक किस्सा है.

Updated on: 16 Oct 2018, 07:08 PM

नई दिल्ली:

क्रिकेट की दुनिया में न सिर्फ खेल रोमांचक होता है बल्कि इस जुड़े किस्से भी उतने ही मजेदार और रोमांचक होते हैं. किसी भी बल्लेबाज खिलाड़ी के लिए उसका सबसे बुरा समय तब होता है जब वह बिना रन बनाए वापस पवेलियन को लौट जाए. आमतौर पर खिलाड़ी जब बिना खाता खोले वापस पवेलियन लौटता है तो उसके लिए 'डक' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि क्रिकेट की दुनिया में इस शब्द के इस्तेमाल के पीछे भी रोमांचक किस्सा है.

दरअसल इंग्लिश में डक शब्द का अर्थ होता है बत्तख और क्रिकेट में इस शब्द के इस्तेमाल के पीछे भी कुछ ऐसी ही अनोखी घटना का जिक्र आता है.

इसके अनुसार 17 जुलाई 1866 को जब प्रिंस ऑफ वेल्स बिना कोई रन बनाए आउट होकर वापस पवेलियन लौटे तो एक अखबार ने अगले दिन खबर छापी और शीर्षक दिया कि प्रिंस ऑफ वेल्स बत्तख के अंडे पर बैठकर पवेलियन लौट गए. जब पत्रकार से इसके पीछे की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि 0 का आकार बत्तख के अंडे के जैसा था. 

इस दिन के बाद से ही जीरो पर आउट होने वाले बल्लेबाजों के लिए 'डक' का इस्तेमाल किया जाने लगा.

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बता दें कि क्रिकेट की दुनिया में ऑस्ट्रेलिया के नेड ग्रेगोरी पहले बल्लेबाज थे जो इंग्लैंड के खिलाफ मैच में पहली बार डक पर आउट हुए थे.

वहीं क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स में सबसे ज्यादा बार डक पर आउट होने का रिकॉर्ड श्री लंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के नाम है. वह 495 अंतरराष्ट्रीय मैचों की 328 पारियों में कुल 59 बार शून्य पर आउट हुए. उनके बाद वेस्ट इंडीज के तेज गेंदबाज कॉर्टनी वॉल्श का नंबर आता है जो 264 पारियों में कुल 54 बार डक पर आउट हुए हैं.

वहीं भारत के लिए यह रिकॉर्ड' जहीर खान के नाम है जो 309 अंतरराष्ट्रीय मैचों की 232 पारियों में कुल 44 बार डक पर आउट हुए.

आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन अपने करियर में सिर्फ एक बार ही जीरो पर आउट हुए थे. ब्रॉडमैन अपनी आखिरी टेस्ट पारी में डक पर आउट हुए थे जिस कारण उनका बल्लेबाजी औसत 99.94 का ही रह गया. अगर वह उस पारी में सिर्फ 4 रन भी और बना लेते तो उनका टेस्ट बल्लेबाजी का औसत 100 का हो जाता.

गौरतलब है कि बल्लेबाजों के जीरों पर आउट होने के हिसाब से उन्हें कई नामों से पुकारा जाता है.

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गोल्डन डक (Golden Duck)
जब कोई बल्लेबाज अपनी पहली ही गेंद पर आउट हो जाता है तो उसे गोल्डन डक कहा जाता है. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने वनडे डेब्यू में बांग्लादेश के खिलाफ गोल्डन डक का शिकार हुए थे.

डायमंड डक (Diamond Duck)
डायमंड डक उस परिस्थिति को कहा जाता है जब कोई बल्लेबाज बिना कोई गेंद खेले ही आउट हो जाए. ऐसा नॉन-स्ट्राइकर के साथ हो सकता है जब वह रन पूरा करने के प्रयास में क्रीज से बाहर रह जाए.

रॉयल डक/प्लेटिनम डक (Royal Duck/Platinum Duck)
जब कोई बल्लेबाज मैच या पारी की पहली ही गेंद पर आउट हो जाए तो उसे आम तौर पर रॉयल या प्लेटिनम डक कहा जाता है.

पेयर या किंग पेयर (Pair or King Pair Duck)
जब कोई बल्लेबाज टेस्ट मैच की दोनों पारियों में बिना कोई रन बनाए आउट हो जाए तो उसे पेयर कहा जाता है और जब कोई बल्लेबाज मैच की दोनों पारियों में अपनी पहली ही गेंद पर आउट हो जाए तो उसे किंग पेयर कहते हैं.

सिल्वर और ब्रॉन्ज डक (Silver or Bronze Duck)
इसके अलावा सिल्वर और ब्रॉन्ज डक भी क्रिकेट टर्मोनॉलोजी का हिस्सा हैं. पारी की दूसरी गेंद पर आउट होना सिल्वर डक और तीसरी गेंद पर आउट होना ब्रॉन्ज डक कहा जाता है. हालांकि ये ज्यादा पॉप्युलर नहीं हैं.

बॉम्बे डक (Bombay Duck)
भारतीय तेज गेंदबाज ऑलराउंडर अजीत अगरकर के लिए यह टर्म इस्तेमाल किया गया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह लगातार पांच पारियों में खाता खोले बिना आउट हो गए थे.