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चैंपियंस ट्रॉफी 2017: भारत-पाकिस्तान के बीच इन 5 रोमांचक मैचों ने रोक दी थी दर्शकों की सांसें

चैंपियंस ट्रॉफी का आगाज हो गया है। 4 जून को भारत का पहला मैचों पड़ोसी पाकिस्तान से है।

Updated on: 04 Jun 2017, 09:36 AM

नई दिल्ली:

चैंपियंस ट्रॉफी में आज भारत का पहला मैच पड़ोसी पाकिस्तान से है। दोनों टीमें हर हाल में ये मैच जीतना चाहेगी। बल्लेबाज़ो और गेंदबाज़ों से दोनों टीमें भरी हुई है। आज सड़के सुनसान रहेगी, बाजार बंद रहेंगे, घरों में टीवी पर नजर गड़ाए दर्शक बैठे रहेंगे और हर शॉट, हर गेंद के साथ दर्शको की धड़कने बढ़ेगी। ऐसा सिर्फ और सिर्फ भारत-पाकिस्तान के मैच में हो सकता है। 

आईए जानते हैं दोनों टीमों के बीच हुए दिलचस्प मुकाबले के बारे में जिसने दर्शकों की सांसें रोक दी थी।

1986 ऑस्ट्रल-एशिया कप (शारजाह, संयुक्त अरब अमीरात)

भारतीय टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी। कृष्णमाचारी श्रीकांत, सुनील गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर ने क्रमश: 75, 92 और 50 रन बनाए। जब लग रहा था भारत एक विशाल लक्ष्य की तरफ जा रहा है तभी बल्लेबाज़ तास के पत्तों की तरह ढ़हने लगे। भारत ने 50 ओवर में 245 रन बनाए।

पाकिस्तान की शानदार शुरुआत हुई। जावेद मियांदाद ने ताबड़तोड़ शुरूआत दी। मियांदाद ने धमाकेदार शतक बनाया। मनिंदर सिंह, कपिल देव और मदन लाल की तीकड़ी ने महत्वपूर्ण मौको पर विकेट झटके।

मैच के आखरी ओवर के आखरी गेंद पर पाकिस्तान को 4 रन चाहिए थे और जावेद मियांदाद स्ट्राइक पर थे। चेतन शर्मा गेंदबाज़ी कर रहे थे। चेतन शर्मा ने यॉर्कर डालना चाहा लेकिन गेंद फुलटॉस पर गई। जावेद मियांदाद ने जोड़दार बल्ला घुमाया गंद सीमा रेखा के बाहर चला गया और पाकिस्तान ने इस रोमांचक मैच में जीत हासिल कर ली।

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2003 विश्व कप (सेंचुरियन, दक्षिण अफ्रीका)

पाकिस्तान ने इस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत को 274 रनों का लक्ष्य दिया। सईद अनवर के 101 रनों की पारी खेली। भारत जब लक्ष्य का पीछा करने उतरा तो शोयब अक्तर के गेंद पर सचिन ने बैकवर्ड प्वाइंट के उपर छक्का जड़ दिया। भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट फैन के लिए यह दृश्य कभी भूलने वाले नहीं थे।

तेंडुलकर ने 98 रनों की पारी खेली। उनके आउट होने के बाद राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह ने भारत को 46वें ओवर में जीत दिलाई।

2004 चैंपियंस ट्रॉफी (बर्मिंघम, इंग्लैंड)
इस मैच में जो टीम जितती वो आगे खेलती और हारने वाली टीम बाहर हो जाती। भारत की शुरूआत बेहद खराब रही और 73 रन पर टीम के 5 बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे।

इसके बाद राहुल द्रविड और अजीत अगरकर ने भारत को 200 रनों तक पहुंचाया। 201 का लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम को शुरुआती झटके लगने से लो स्कोरिंग मैच दिलचस्प बन गया। यूसुफ योहाना और इंजमाम-उल-हक की 75 रन की साझेदारी से पाकिस्तान ने आखिरी ओवर में भारत को हरा दिया।

2007 विश्व ट्वेंटी 20 (डरबन, दक्षिण अफ्रीका)

पहली बार दोनों टीमें टी20 मैच में आमने-सामने थे। रोबिन उथप्पा के अर्धशतक और धोनी के आखरी ओवर्स में तेज बल्लेबाज़ी की मदद से भारत ने पाकिस्तान को 142 रनों का लक्ष्य दिया था।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम लगातार विकेट खोती रही लेकिन मिस्बाह-उल-हक के अर्धशतक की मदद से पाकिस्तान का स्कोर भारत के बराबर रहा। आखरी गेंद पर मिस्बाह-उल-हक के रन आउट होने के कारण मैच ड्रा हो गया।

इस मैच का फैसला बॉल आउट के जरिए हुआ। हरभजन सिंह, उथप्पा और सहवाग ने विकेट पर गेंद मारकर भारत को इस मैच में 3-0 से जीत दिलाया।

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2007 विश्व ट्वेंटी 20 फाइनल (जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका)

भारत-पाकिस्तान के बीच शायद अब तक का सबसे रोमांचक मैच है। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए गंभीर के 75 रनों के बदौलत 157 रनो का लक्ष्य दिया। पाकिस्तान की शुरुआत काफी खराब रही और लगातार विकेट गिरते रहे।

इमरान नजीर और यूनिस खान ने 33 और 24 रन की पारी खेली और पाकिस्तान की पारी संभाली। मिस्बाह-उल-हक ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए पाकिस्तान को मैच में बनाए रखा। मैच का रोमांच तब आसमान पर था जब आखरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे। यही वक्त था जब धोनी ने जोगिंदर शर्मा को गेंद दिया तो सबको आश्चर्य हुआ क्योंकि उन्होंने अपने ओवर्स में बहुत रन दिए थे।

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आखरी के 4 गेंद पर पाकिस्तान को 6 रन चाहिए थे जब मिस्बाह-उल-हक ने शॉर्ट लेग पर खेलना चाहा और एस श्रीसंत को कैच थमा बैठे। भारत ने पहला टी20 खिताब जीता।