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क्या कैफ और कोहली के बाद अब पृथ्वी शॉ टीम इंडिया में बना पाएंगे जगह

कप्तान मो. कैफ और विराट कोहली ने भारतीय टीम में अंडर 19 खेल कर ही जगह बनाई है। अब सवाल है कि क्या 2018 में टीम पृथ्वी शॉ को टीम में मिलेगी।

Updated on: 04 Feb 2018, 11:32 AM

नई दिल्ली:

न्यूजीलैंड के बे ओवल मैदान में खेले गए अंडर 19 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है। ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर भारत चौथी बार वर्ल्ड चैंपियन बन गया है। इस जीत के साथ ही अब चयन समिति इस टीम के कई खिलाड़ियों को टीम इंडिया में जगह दे सकती है।

इससे पहले भी टीम के कप्तान मो कैफ और विराट कोहली ने भारतीय टीम में अंडर 19 खेल कर ही जगह बनाई है। अब सवाल है कि क्या 2018 में  टीम की अगुवाई कर रहे पृथ्वी शॉ को टीम में मिलेगी। 

आइए जानते हैं इससे पहले अंडर 19 के कप्तान जिनको सीनियर टीम इंडिया में जगह मिल चुका है।


2000 में मो. कैफ

इंडिया अंडर19 टीम ने पहली बार वर्ष 2000 में मो. कैफ की अगुआई में विश्व कप का खिताब जीता था। फाइनल में भारत का मुकाबला श्रीलंका से था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 180 रन बनाए थे। मैच काफी नजदीक गया था पर श्रीलंका की टीम 48.1 ओवर में 178 रन पर ऑल आउट हो गई।

इसके बाद कैफ ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह बनाई। और 2 साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ वनडे टीम में भी। कैफ ने विश्व क्रिकेट में एक बेहतरीन खिलाड़ी की पहचान बनाई थी। उन्होंने भारत के लिए 13 टेस्ट और 125 वनडे मैच खेले।

2008 में विराट कोहली
दूसरी बार अंडर 19 विश्व कप में भारत 2008 में विश्व चैंपियन बना। उस वक्त युवा टीम की कमान विराट कोहली के हाथों में थी। फाइनल में भारत और दक्षिण अप्रीका के बीच मुकाबला था।

भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 160 रन का लक्ष्य रखा था। इसके जबाव में प्रोटीज 25 ओवर में 8 विकेट पर 103 रन ही बना पाई। डकवर्थ लूईस नियम के आधार पर भारत को इस मैच में 12 रन से जीत मिली। इसके बाद ही कोहली के विराट करियर की शुरूआत हुई।

2008 में ही श्रीलंका के खिलाफ उन्हें पहली बार वनडे टीम में जगह मिली। इसके बाद 2010 में वो भारतीय टी20 टीम का हिस्सा बने। टेस्ट टीम में उनकी एंट्री वर्ष 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई।

आज वह टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं।

2012 में उनमुक्त चंद

तीसरी बार भारत 2012 में ऑस्ट्रेलिया को हराकर इस खिताब पर कब्जा किया। 2012 में टीम की अगुवाई उनमुक्त चंद कर रहे थे। भारत ने इस मैच में 227 रन बनाए जबकि ऑस्ट्रेलिया 225 रन ही बना पाई।

कैफ और कोहली की तरह उनमुक्त चंद की राह टीम इंडिया में आसान नहीं रही। लंबे समय से वह टीम में खेलने की उम्मीद कर रहे हैं। वह फिलहाल दिल्ली के लिए खेलते हैं।

2018 में कप्तान पृथ्वी शॉ

साल 2018 में कप्तान पृथ्वी शॉ की अगुवाई में भारत ने सबसे अधिक चार बार खिताब पर कब्जा जमाया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने आई टीम ऑस्ट्रेलिया ने खिताबी मुकाबले में 47.2 ओवरों में 216 रनों पर सिमट गई। आस्ट्रेलिया के लिए जोनाथन मेर्लो ने 76 और परम उप्पल ने 34 रनों का योगदान दिया।

ऑस्ट्रेलिया द्वारा रविवार को दिए गए 217 रनों के लक्ष्य को भारत ने मंजोत कालरा के 101 रनों की बदौलत 38.5 ओवरों में आठ विकेट रहते ही हासिल कर लिया। कालरा के अलावा भारत के लिए शुभमन गिल ने 31 और विकेटकीपर हार्विक देसाई ने 47 रन बनाए।

इस जीत के पहले नायक रहे भारतीय टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया। पृथ्वी की कप्तानी में भारत पूरे टूर्नामेंट में एक चैंपियन की तरह खेला है। पृथ्वी ने 6 मैचों की 5 पारियों में कुल 261 रन बनाए जिसमें 2 अर्धशतक शामिल रहे।

अब देखना होगी कि चयनकर्ता शॉ को कब भारतीय टीम में जगह देती है।