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स्मॉग को लेकर बॉलिंग कोच भरत अरुण ने दिया बयान, कहा- श्रीलंका का ध्यान शायद प्रदूषण पर था, मैच पर नहीं

मेहमान टीम के खिलाड़ियों के मास्क पहनने पर भरत ने कहा, विराट ने दो दिन तक बल्लेबाजी की उन्हें मास्क की जरूरत नहीं पड़ी।

Updated on: 04 Dec 2017, 02:32 AM

नई दिल्ली:

भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार को श्रीलंकाई खिलाड़ियों द्वारा प्रदूषण के कारण तीन बार खेल रोके जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेहमान टीम के खिलाड़ियों का ध्यान शायद प्रदूषण पर था, मैच पर नहीं।

दिन के दूसरे सत्र में श्रीलंका के तकरीबन पांच से ज्यादा खिलाड़ी मैदान पर प्रदूषण के कारण मास्क लगाकर उतरे थे। इस पर भरत ने कहा कि विराट ने तकरीबन दो दिन तक बल्लेबाजी की लेकिन उन्होंने मास्क नहीं पहना।

दिन का खेल खत्म होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में भरत से जब पूछा गया कि क्या श्रीलंकाई खिलाड़ियों का तीन बार मैच रोकने का मकसद भारतीय खिलाड़ियों की लय को तोड़ना था?

इस पर भरत ने कहा, वह शायद प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे। उनका ध्यान शायद कहीं और था। हो सकता है कि इससे हमारी लय टूटी हो। उस समय जब मैच रूका गया तब हम मैच जारी रखना चाहते थे।

दिन के दूसरे सत्र में भारत जब पांच विकेट खोकर 509 रनों पर था तभी श्रीलंकाई गेंदबाज लाहिरू गमागे को परेशानी हुई और खेला रोका गया। इसी बीच श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने खराब वातावरण की शिकायत मैदानी अंपायरों से की। जिसके कारण तकरीबन 15 मिनट का खेल रुका।

मैच दोबारा शुरू हुआ और रविंचद्रन अश्विन (4) का विकेट गिरा। इसी बीच कप्तान कोहली भी अपने टेस्ट करियर के सर्वश्रेष्ठ स्कोर 243 रनों पर लक्षण संदकाना की गेंद पगबाधा करार दे दिए गए।

कोहली के जाने के बाद एक बार फिर खेल रुका 127वें ओवर में श्रीलंका के टीम मैनेजर असंका गुरुिसंहा मैदानी अंपायरों से कुछ शिकायत करने लगे। उनके जाने के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने मैदान पर कदम रखा और मैदानी अंपायरों से बात की।

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पांच मिनट तक खेल रुकने के बाद मैच एक बार फिर शुरू हुआ लेकिन पांच गेंद बाद श्रीलंका के कप्तान दिनेश चंडीमल ने 10 खिलाड़ी होने के कारण मैच रोक दिया और इसी बीच श्रीलंका टीम के कोच निक पोथास मैदान पर आकर अंपायरों से बात करने लगे। इसी बीच भारतीय ड्रेसिंग रूम से कोहली ने परेशान होकर पारी घोषित कर दी।

भरत ने कहा कि मैदान पर इस तरह खिलाड़ियों को विरोध करना सही नहीं रहता क्योंकि वहां अंपायर और रेफरी मैच की हर स्थिति पर ध्यान देते हैं।

उन्होंने कहा. मैदान पर जो अंपायर होते हैं और मैच रेफरी होता है उसके लिए यह मुद्दा होता है। खिलाड़ियों का काम जाकर विरोध प्रदर्शन करना नहीं है। जब खेल बिना किसी कारण के रोका गया, तब हम चाहते थे कि मैच जारी रहे। क्योंकि हमारा ध्यान इस टेस्ट मैच पर है और हम इसे जीतना चाहते हैं।

मैदान पर शास्त्री की अंपायरों से क्या बात हुई इस पर गेंदबाजी कोच ने कहा, रवि ने साफ तौर पर कहा था कि मैच को जारी रखें रोकें नहीं।

मेहमान टीम के खिलाड़ियों के मास्क पहनने पर भरत ने कहा, विराट ने दो दिन तक बल्लेबाजी की उन्हें मास्क की जरूरत नहीं पड़ी। हमारा ध्यान उस पर था, जो हम करना चाहते थे। हम एक टीम के तौर पर क्या हासिल करना चाहते हैं इस पर पूरी तरह से हमारा ध्यान था। परिस्थितयां दोंनों टीमों के लिए एक जैसी थीं।

श्रीलंकाई टीम के रवैये से परेशान होकर भारत ने अपनी पारी घोषित कर दी थी। इस पर भरत ने कहा एक तरीके से नहीं क्योंकि हम 550 के स्कोर पर ध्यान दे रहे थे, और इसके आसपास का स्कोर हमने बना लिया था तो हमने सोचा की हमें पारी घोषित कर देनी चाहिए।

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