बीसीसीआई फिटनेस पर और सख्त, भारतीय क्रिकेटरों का करा रहा है डीएनए टेस्ट
माना जा रहा है कि बीसीसीआई ने यह टेस्ट टीम के ट्रेनर शंकर बासु की अनुशंसा पर की है ताकि राष्ट्रीय टीम के लिए और अधिक व्यापक फिटनेस कार्यक्रम तैयार किया जा सके।
highlights
- बीसीसीआई करा रहा है भारतीय क्रिकेटरों का डीएनए टेस्ट
- टीम ट्रेनर शंकर बासु की अनुशंसा पर शुरू हो चुकी है यह पहल
- हाल में यो-यो टेस्ट शुरू करने को लेकर भी चर्चा में आई थी बीसीसीआई
नई दिल्ली:
फिटनेस को लेकर लगातार प्रयोग में जुटे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अब खिलाड़ियों का डीएनए टेस्ट करना शुरू कर दिया है।
इससे हर खिलाड़ी की आनुवंशिक फिटनेस स्थिति के बारे में पता चल सकेगा। माना जा रहा है कि बीसीसीआई ने यह टेस्ट टीम के ट्रेनर शंकर बासु की अनुशंसा पर की है ताकि राष्ट्रीय टीम के लिए और अधिक व्यापक फिटनेस कार्यक्रम तैयार किया जा सके।
दरअसल, डीएनए टेस्ट या जेनेटिक फिटनेस टेस्ट से फिटनेस, स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित तथ्यों के बारे में पता किया जा सकता है। ऐसे में हर क्रिकेटर के डीएनए के आंकड़ों को एक व्यक्ति के वजन और खानपान जैसे परिवेश के आंकड़ों के साथ मिलाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: दुबई में धोनी ने की ग्लोबल क्रिकेट एकेडमी की शुरुआत, बच्चों को देंगे प्रशिक्षण
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, 'हां, हमने भारतीय क्रिकेटरों के लिए डीएनए टेस्ट शुरू किया है। यह नए फिटनेस मापदंडो का ही एक हिस्सा है जिसे टीम प्रबंधन ने तैयार किया है। डीएनए टेस्ट को सबसे पहले अमेरिका बास्केटबॉल टूर्नामेंट एनबीए में प्रयोग में लाया गया था।'
बीसीसीआई अधिकारी के मुताबिक, 'इस विचार को शंकर बासु ने आगे बढ़ाया और यह काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। हर खिलाड़ी के टेस्ट के लिए बीसीसीआई 25,000 रुपये से 30,000 रुपये खर्च कर रही है जो कि ठीक-ठाक है।'
इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम वसा की जांच के प्रतिशत के लिए स्किनफोल्ड टेस्ट करती थी और फिर बाद में डेक्सा टेस्ट होने लगा।
हाल के मानकों के अनुसार सीनियर टीम के खिलाड़ी में अधिकतम 23 प्रतिशत वसा होना चाहिए। पाकिस्तान सहित न्यूजीलैंड और दूसरी इंटरनेशनल टीमों ने भी यही मानक बना रखा है।
असल में कुछ क्रिकेटर लगातार कोशिश के बावजूद अपने शरीर में फैट के स्तर को कम करने में सफल नहीं हो पा रहे थे।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान दौरे पर अगले साल जाएगी वेस्टइंडीज की टीम
बीसीसीआई अधिकारी के अनुसार, 'कुछ खिलाड़ी बचपन से ही बहुत दूध पीते रहे हैं क्योंकि धारणा यही है कि दूध से आपको मजबूती मिलती है। इसके बाद उन्हें पता चलता है कि कड़े अभ्यास के बाद भी उनका शरीर वर्तमान की जरूरतों के हिसाब से फिट नही है।'
अधिकारी ने कहा, 'जब टेस्ट शुरू हुए तो कुछ खिलाड़ी को मालूम हुआ कि वे लैक्टोज को नहीं पचा पाते हैं। यही नहीं जो खिलाड़ी मटन बिरयानी खाने के शौकीन हैं उन्हें पता चला कि किसी खास तरह के भोजन करने के बाद उनका शरीर क्या मांगता है।'
अधिकारी के अनुसार ऐसे टेस्ट के बाद भुवनेश्वर कुमार की फिटनेस में जबर्दस्त सुधार हुआ है। डीएनए टेस्ट से पता चलता है कि कोई खास शरीर किस तरह के भोजन और व्यायाम की मांग करता है।
यह भी पढ़ें: श्रीलंका को क्लीन स्वीप देकर 'टेस्ट शतक' जड़ सकती है टीम इंडिया
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Ayush Sharma Trolling: 'मुझे जानवर जैसा समझा...'ट्रोलर्स के कमेंट्स पर रो पड़े आयुष शर्मा, कह दी इतनी बड़ी बात
-
Thalapathy Vijay Inured: घायल हुए साउथ एक्टर थलापति विजय, फैंस ने स्पॉट किए चोट के निशान
-
Arijit Singh Birthday: इंडियन आइडल में रिजेक्शन से सलमान खान संग झगड़े तक, ऐसी रही अरिजीत सिंह की जर्नी
धर्म-कर्म
-
Budh Grah Margi 2024: सावधान!! आज शाम ग्रहों के राजकुमार बदल रहे हैं अपनी चाल, इन राशियों के लिए हैं खतरनाक
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत