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CWG 2018: साइना ने दिया भारत को 26वां गोल्ड मेडल, सिंधु को मिला सिल्वर

भारत की दिग्गज महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में अंतिम दिन रविवार को महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

Updated on: 15 Apr 2018, 07:40 AM

highlights

  • साइना नेहवाल ने हमवतन पी.वी सिंधु को हराकर महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया
  • साइना दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई 
  • भारत ने कुल 62 मेडल हासिल किए जिसमें, 26 गोल्ड, 17 सिल्वर और 19 ब्रॉन्ज हैं

 

नई दिल्ली:

लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल ने हमवतन और रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पी.वी सिंधु को हराकर यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में अंतिम दिन रविवार को महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

सायना ऐसे में राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं। सिंधु को हार के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

वर्ल्ड नम्बर-12 साइना ने इससे पहले 2010 में राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।

लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना ने सिंधु को 56 मिनट तक चले इस मैच में 21-18, 23-21 से मात देकर राष्ट्रमल खेलों का दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 

साइना ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की। उन्होंने 8-4 से बढ़त हासिल की। अधिक अनुभवी होने के कारण साइना ने सिंधु को अधिक अंक नहीं लेने दिए। हालांकि, सिंधु ने अच्छी वापसी करने की कोशिश की और स्कोर 18-20 कर लिया। यहां साइना ने एक अंक लेते हुए गेम 21-18 से अपने नाम कर लिया। 

दूसरे गेम में वर्ल्ड नम्बर-3 सिंधु ने अच्छी शुरुआत की थी। उन्होंने 7-5 से बढ़त हासिल की। सायना ने अंक लेते हुए स्कोर 8-10 कर लिया। 

सिंधु ने यहां फिर अंक लेते हुए 16-14 से फिर बढ़त हासिल कर ली। वह अच्छे अंक लेते हुए बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन साइना ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए शानदार वापसी की और 20-20 से बराबरी कर ली। 

इसके बाद, साइना ने यहां फिर 21-20 से बढ़त बनाई। सिंधु ने एक अंक लेकर 21-21 से स्कोर बराबर कर लिया, लेकिन साइना ने दो अंक बटोरने के साथ ही 23-21 से दूसरा गेम अपने नाम करने के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया। 

सिंधु को भले ही रजत पदक से संतोष करना पड़ा हो, लेकिन वह 2014 में ग्लास्गो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में मिले कांस्य पदक के रंग को बदलने में कामियाब रही हैं। 

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