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छत्तीसगढ़: कलेक्टर से नेता बने ओपी चौधरी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानें क्या है मामला

राज्य सरकार ने इसके जांच के निर्देश दे दिए हैं. ये पूरा मामला 2011 से 2013 के बीच का है.

Updated on: 31 May 2019, 05:16 PM

नई दिल्ली:

कलेक्टर से नेता बने ओपी चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जमीन की अदला बदली और करोड़ों की जमीन को कौड़ियों की दाम बेचने के मामले में पूर्व आईएएस और बीजेपी नेता ओपी चौधरी की भूमिका की जांच अब एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सीके खेतान करेंगे. राज्य सरकार ने इसके जांच के निर्देश दे दिए हैं. ये पूरा मामला 2011 से 2013 के बीच का है.

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राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सीके खेतान को दंतेवाड़ा में हुए जमीन के अदला बदली और करोड़ों के जमीन को रसूखदारों को कम दाम में बेचने के मामले की जांच करने के लिए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सीके खेतान जांच प्राधिकारी नियुक्त किया गया है. जानकारी के मुताबिक, इस मामले में जांच तीन बिंदुओं पर की जाएगी. इसके बाद आयोग तीन महीने के अंदर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट पेश कर सकता है.

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आरोप हैं कि दंतेवाड़ा में चार लोगों ने जिला पंचायत भवन के पास एक किसान की कृषि भूमि को खरीदा था. 2013 में पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार और एसडीएम की मिलीभगत से जमीन की अदला-बदली की गई थी. जमीन को विकास भवन के नाम पर लेकर बस स्टैंड के पास व्यवसायिक जमीन से बदला गया था. प्रशासनिक अधिकारियों ने यह प्रक्रिया सिर्फ 15 दिनों में पूरी कर ली थी.

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