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छत्तीसगढ़ में अब इन 5 नदियों में नहीं गिरेगा नालों का गंदा पानी, प्रशासन ने बनाया ये प्लान

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की सख्ती के बाद आखिरकार छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन विभाग ने पांच नदियों में गंदा पानी रोकने के लिए प्लान तैयार कर लिया है.

Updated on: 17 May 2019, 11:14 AM

नई दिल्ली:

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की सख्ती के बाद आखिरकार छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन विभाग ने पांच नदियों में गंदा पानी रोकने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. रायपुर व धमतरी मिलाकर खारुन में पांच जगह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे. राजिम, गोबरा नवापारा और कांकेर के पास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर महानदी में गंदा पानी जाने से रोका जाएगा. रायगढ़ (Raigarh) में केलो नदी से मिलने वाले नालों के गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए दो और शिवनाथ नदी में गंदा पानी रोकने के लिए सिमगा के पास ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा.

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अमृत मिशन (Amrit Mission) के तहत यह काम किया जाएगा. कोरबा (Korba) में हसदेव नदी से मिलने वाली नालियों का गंदा पानी रोकने के लिए एनटीपीसी के साथ नगर निगम ने समझौता किया है. नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक खारुन नदी पर एक ट्रीटमेंट प्लांट पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा बनाया जाएगा, जबकि तीन नगर निगम तैयार करेगा। तीन प्लांट में 330 करोड़ का खर्च आएगा.

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने महानदी, खारुन, हसदेव, शिवनाथ व केलो में 24 जगह सैंपल लेकर रिपोर्ट तैयार की है. इसके मुताबिक इन नदियों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है. नदियों के पानी की स्वच्छता का जो मानक है, उसके मुताबिक 100 मिलीलीटर पानी में 500 से ज्यादा बैक्टीरिया नहीं होने चाहिए. इसके विपरीत पैरामीटर से सैकड़ों गुना ज्यादा बैक्टीरिया पाया गया है. इसे गंभीर मानकर एनजीटी ने तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे.

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