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इस राज्‍य के पुलिस कर्मियों को मिलेगा निजी घर, बच्चों की पढ़ाई होगी मुफ्त

पुलिस कर्मियों के आंदोलन को लेकर कहा डीआईजी नेहा चम्पावत सहित 4 सदयीय समिति का गठन कर दिया गया है.

Updated on: 24 Dec 2018, 03:05 PM

रायपुर:

पुलिस कर्मियों के आंदोलन को लेकर कहा डीआईजी नेहा चम्पावत सहित 4 सदयीय समिति का गठन कर दिया गया है. इसमें संजीव शुक्ला, लालउमेंद, शेख आरिफ और यूबीएस चौहान शामिल होंगे. इन्हें 31 जनवरी 2019 तक अपनी अनुशंसा सौपने का निर्देश दिया गया है. पुलिस विभाग की तरफ से बड़े स्तर पर हर साल खेल उत्सव और पृथक से प्रदेश स्तर के वार्षिकोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा. जिसमें साल 2019 में उत्कृष्ट कार्य करने वालो प्रोत्साहित करने के लिए यह वार्षिकोत्सव किया जाएगा .

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हर जिले में पुलिस कर्मी और परिवारों के लिए ड्राई कैंटीन की व्यवस्था की जाएगी. मिलिट्री और आर्मी के तर्ज पर कैंटीन से सस्ते सामनो की उपलब्धता का प्रयास किया जाएगा.पुलिस हाउसिंग द्वारा पुलिस के लिए निजी आवास दिए जाने की योजना बनाई गई है. जिस योजना का नाम स्नेह छाया रखा गया है. राज्य सरकार ने इस योजना को एप्रूव किया तो जल्द ही इसका लाभ मिल सकेगा.

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निचले स्तर के कर्मचारियों के बच्चों के लिए 12 वीं के प्रतिभाशाली बच्चो के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए कोचिंग, रहने और खाने की मुफ्त सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है... वही इसमें पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा भी पढ़ाया जाएगा.छत्‍तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने पुलिस विभाग को नए साल की सौगात दी है.

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डीएम अवस्थी ने कहा- साल 2018 खत्म होने को है और नई सरकार आई है. ऐसे में पुलिस का उद्देश्य क्या है वो एक स्लोगन के रूप में रख रहे हैं. "मजबूत पुलिस और विश्वसनीय पुलिस". ये पुलिस गरीब, मजदूर, किसान, महिलाओं और बच्चों की होगी.

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सबल की नही निर्बल की पुलिस होगी. यही हमारा उद्देश्य हैं. आम जनता से अपराधियों और पुलिस दोनों का डर निकले ऐसा हमारा प्रयास है. जिसके लिए अच्छे पुलिस कर्मियों को जिसमें सिपाही से इंपेक्टर तक के बेहतर काम करने वालों को आउट ऑफ टार्न प्रमोशन दिया जाएगा.

वर्दी में अपराधी और क्रिमनल माइंड के पुलिसकर्मी

पुलिस की वर्दी में अपराधी और क्रिमनल माइंड के पुलिसकर्मी है.उन्हें विभाग से बाहर किया जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर उनपर अपराध भी दर्ज किया जाएगा. प्रति माह पहले सप्ताह में सभी जिलों के कानून व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी. हर दिन सोमवार से गुरुवार तक दोपहर में 1 से 3 बजे तक डीजीपी से मुलाकात कर सकते हैं. पुलिस कर्मियों को अपनी परेशानियों के लिए न्यायालय न जाना पड़े इसके लिए भी व्यवस्था की जा रही है. पुलिस मित्र का गठन सभी जिलों में थाना स्तर पर किया जाएगा.पुलिस महानिदेशक की परामर्श दात्री में आम नागरिकों की समस्या पर चर्चा करेंगे. वहीं पुलिस परामर्शदात्री में हर जिले से 5 लोगों की टीम बनाई जाएगी.

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