छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा हमले के बाद नक्सलियों को हुआ गलती का अहसास, कहा पत्रकारों से दुश्मनी नहीं, दे डाली यह धमकी
चिट्ठी में कहा है कि वह डीडी के कैमरामैन अच्युतानंद साहू को नहीं मारना चाहते थे. उनका कहना है कि पुलिस पर किए हमले के दौरान वह बीच में आ गए और उन्हें गोली लग गई. उन्होंने कहा है कि वह पुलिस और सत्ता में बैठे लोगों से नाराज हैं, प्रेस से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है.
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा हमले में मारे गए डीडी के कैमरामैन की मौत पर नक्सलियों ने चिट्ठी जारी कर सफाई दी है. चिट्ठी में कहा है कि वह डीडी के कैमरामैन अच्युतानंद साहू को नहीं मारना चाहते थे. उनका कहना है कि पुलिस पर किए हमले के दौरान वह बीच में आ गए और उन्हें गोली लग गई. उन्होंने कहा है कि वह पुलिस और सत्ता में बैठे लोगों से नाराज हैं, प्रेस से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है. साथ ही नक्सलियों ने पत्रकारों को चेतवनी देते हुए कहा कि चुनावों के दौरान कभी भी ड्यूटी पर आई पुलिस के साथ न आए.
नक्सलियों ने शुक्रवार सुबह एक चिट्ठी जारी करते हुए, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 30 अक्टूबर को किये नक्सली हमले में मारे गए डीडी के पत्रकार की मौत को एक भूल बताया है. उनका कहना कि हर रोज उन्हें पुलिस के अत्याचार का सामना करना पड़ता है. चिट्ठी में लिखा है, 'आरपुर से बूरगूम तक सड़क बनाने का काम चल रहा है. गावों वालों ने इसका विरोध किया क्योंकि इसमें उनकी तिलहन और दलहन की फसलें बर्दाबाद हो गईं. पर गांव वालों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद पुलिस ने उनकी एक न सुनी, जिसके वजह से गांववालों में काफी आक्रोश है. इसके बाद जब सड़क निर्माण का कार्य शुरु हुआ तो पुलिस वाले रोज अपनी गाड़ियों से आकर गाववालों पर फायरिंग, मारपीट करते थे. वो गांव में आकर लूट पाट भी करते हैं.'
Naxals release a statement on Dantewada attack, saying 'DD Cameraman Achutyanand Sahu was killed after being caught in the ambush and we had no intention of targeting the media.' pic.twitter.com/bAoEQ8ScaS
— ANI (@ANI) November 2, 2018
आगे वह लिखते हैं कि, 'इसी के विरोध में हमने 30 अक्टूबर को पुलिस बल पर घात लगा कर हमला किया. हमले के दौरान हमें नहीं पता था कि दूरदर्शन की टीम भी बल के साथ है. जबरदस्ती डीडी का कैमरामैन अच्युतानंद साहू मारा गया. यह दुख की बात है. हम पत्रकारों को कभी भी जानबूझकर नहीं मारेंगे.'
भारतीय कॉम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) ने चिट्ठी में आगे लिखा है कि, 'हमले के बाद से ही केंद्रीय मंत्री कह रह हैं कि माओवादी पार्टी ने कैमरामैन को मारा. वह यह कहते हुए मीडिया में हमारा दुष्प्रचार कर रहे हैं. यह गलत है. पत्रकार लोग हमारे दोस्त हैं, हमारे दुश्मन नहीं.'
वहीं आगामी चुनावों से उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा है कि लोगों इन झूठे चुनावों का बहिष्कार करें. वह लिखते है कि देशविरोधी, समाजविरोधी, फांसीवादी, ब्राह्मणवादी संघ परिवार की भाजपा पार्टी का विरोध करें. उन्होंने लोगों से इन समाज विरोधी ताकातों के खिलाफ खड़े होने की मांग की है. साथ ही चेतावनी जारी करते हुए कहा कि, 'कोई भी पत्रकार चुनावों के दौरान ड्यूटी पर आए पुलिस बल के साथ न आए.'
वहीं इसके जवाब में दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा है कि, 'डीडी के कैमरामैन पर गोलियां गलती से नहीं बल्कि जानबूझकर चलाई गई थीं. कैमरामैन ने हमले के शुरुआती कुछ मिनटों की रिकॉर्डिंग कर ली थी. यहीं वजह है कि उनके सर पर कई गोलियां चलाई गई, जिसके बाद सबूत मिटाने के उद्देश्य से कैमरा भी लूट लिया गया. यह गलती नहीं हो सकती है.'
बता दें कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से एक नक्सली हमले की खबर आई थी, जहां नक्सलियों ने दूरदर्शन चैनल के कुछ क्रू मेंबर्स पर हमला कर दिया. इस हमले में एक कैमरामैन की मौत हो गई है. पुलिस ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया है कि कैमरामैन के साथ ही दो सुरक्षाबलों की भी मौत की दुखद घटना हुई है. पुलिस जानकारी के अनुसार यह हमला दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में हुआ है. हमले में 4 पुलिस जवान शहीद हो गए थे और डीडी के 1 कैमरामैन की जान चली गई थी.
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