छत्तीसगढ़ : नक्सलियों की मांद में लोकतंत्र की दहाड़ लगाएंगे ये मतदानकर्मी
नक्सली आतंक के बीच लोकतंत्र की आस्था का दीपक अपनी रौशनी कायम रखे हुए हैं, लोगों में मतदान को लेकर काफी उत्साह रहता है
सुकमा:
सुकमा के बस्तर में मतदान कराना किसी युद्धभूमि में जाने से कम नहीं है. कब, कहां, क्या अनहोनी हो जाए पता नहीं. इसलिए मतदानकर्मियों को योद्धाओं की तरह रवाना किया जाता है. पिछले दो-तीन चुनावों से बस्तर के बीहड़ों में चुनाव कराने जाने वालों को तिलक लगाकर व आरती उतारकर हेलीकॉप्टर से रवाना किया जाता है. ये वो मतदानकर्मी हैं, जो उन दुर्गम इलाकों में चुनाव कराने के लिए जाते हैं, जहां पैदल जाना नामुमकिन है. नक्सलियों की मांद में लोकतंत्र की दहाड़ लगाने जा रहे मतदानकर्मी की जांबाजी भी वाकई में काबिले तारीफ है. बस्तर में 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. तीन दिन पहले इस क्षेत्र के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराने कर्मचारियों के दलों की रवानगी कर दी गई है.
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बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 1 हजार 8 सौ 78 मतदान केंद्र हैं. जिसमें से करीब आधे केंद्र अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में स्थित हैं. यहां ऐसे इलाके हैं जहां नक्सली आतंक के बीच लोकतंत्र की आस्था का दीपक अपनी रौशनी कायम रखे हुए हैं. इन क्षेत्रों में भी लोगों में मतदान के लिए उत्साह रहता है.सुबह 7 बजे अतिसंवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए 22 मतदान दल को हेलीकॉप्टर से रवाना किया गया है. शांतिपूर्ण मतदान और सकुशल मतदान दलों के वापसी के लिए बकायदा हेलिपैड पर पूजा-अर्चना भी की गई. सभी 22 दल वहां जाकर तीन दिन तक पुलिस कैंप में रहेंगे और फिर 11 अप्रैल को मतदान कराएंगे.
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बस्तर लोकसभा क्षेत्र के दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा और नारायणपुर में मतदान के लिए सवेरे 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है. शेष चार विधानसभा क्षेत्रों कोण्डागांव, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट में सवेरे 7 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे. 22 मतदान दल में करीब 100 मतदान कर्मी मौजूद हैं जो अंदरूनी इलाके में 11 अप्रैल को मतदान संपन्न कराएंगे. हेलीकॉप्टर की मदद से 22 मतदान दलों को रवाना किया जा रहा हैं. सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि सुकमा जिला घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है और यहां पिछले महीने से नक्सली लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करने की बात कहकर जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगाते आ रहे हैं. लेकिन आशंका है कि नक्सली चुनाव में कोई व्यवधान उत्पन्न न कर दे.
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